“लखनऊ में 19 जिलों से जुटे बिजली कर्मचारी, 25,000 आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पर संकट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। देवेंद्र पांडेय के नेतृत्व में कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि छंटनी हुई तो प्रदेशव्यापी हड़ताल करेंगे।“
लखनऊ। दीपावली से पहले उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों का बड़ा आंदोलन शुरू हो गया है। सोमवार को लखनऊ के गोखले मार्ग स्थित मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कार्यालय के बाहर 19 जिलों से आए करीब 1,000 कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।
प्रमुख नेता देवेंद्र पांडेय ने बताया कि निगम ने हर जिले में 50% कर्मचारियों की छंटनी का फैसला लिया है, जिससे करीब 25,000 कर्मचारियों पर नौकरी से निकाले जाने का खतरा मंडरा रहा है। यह छंटनी विशेष रूप से आउटसोर्सिंग के तहत काम करने वाले कर्मचारियों पर केंद्रित है, जिनकी आजीविका पर यह फैसला बड़ा असर डाल सकता है
यह भी पढ़ें : लखनऊ के जंगल में तेंदुए की दहाड़: न्यू नर्सरी के पास देखा गया तेंदुआ
मुख्य घटनाएं:
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की छंटनी: देवेंद्र पांडेय ने चेतावनी दी कि सरकार यह छंटनी करके कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर हमला कर रही है, जो किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
काम ठप करने की चेतावनी: कर्मचारियों ने साफ़ कर दिया कि यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो वे काम बंद करने और हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे।
ऊर्जा मंत्री से मुलाकात: कर्मचारी नेता ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वे ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे।
आने वाले दिनों में सरकार और बिजली कर्मचारियों के बीच चर्चा के परिणामों पर ध्यान रहेगा। इससे यह साफ़ होगा कि इस बड़े विरोध प्रदर्शन का प्रदेश की ऊर्जा सेवाओं पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।