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ताइवान के पपीते के एक पौधे से किसान एक सीजन में एक से सवा क्विंटल तक पपीते की पैदावार कर सकता है

नीमच जिले में आधुनिक शैली से खेती करने वाले उन्नतिशील किसानों की संख्या अधिक है। ऐसे ही कुछ किसानों ने जिले में ताइवान के पपीतों की खेती की शुरुआत की है। इसके जरिए किसान मुनाफा कमा रहे हैं। जिले के बराड़ा, देंथल, बरथुन सहित अन्य गांवों में ताइवान के पपीतों की खेती की जा रही है।

कृषि और उद्यानिकी विभाग के जानकारों के अनुसार पपीते की खेती एक बेहतर तरीका है। ताइवान के पपीते के एक पौधे से किसान एक सीजन में एक से सवा क्विंटल तक पपीते की पैदावार कर सकता है। ये पपीते बाजार में न्यूनतम 15 से 20 रुपए प्रति किलो की दर से थोक में बिक रहे हैं।

संतरों के बगीचे में लगाए पपीते के पौधे

मनासा विकासखंड के देंथल के किसान बंशीलाल गंधर्व ने ताइवान के पपीतों की खेती की शुरुआत की है। उन्होंने संतरों के बगीचे में ताइवान के पपीतों के पौधे लगाए हैं। इस संबंध में गंधर्व बताते हैं कि बगीचे की रिक्त भूमि पर करीब 6-6 फीट की दूरी पर पपीते के पौधे लगाए हैं। करीब 300 पौधे लगाए हैं। इनमें अब फल लगने की तैयारी है। इस बार के उत्पादन को देख आगे और पपीते की बोवनी के रकबे में इजाफा करने का फैसला करुंगा। फिलहाल उम्मीद बेहतर उत्पादन की है।

शुरुआत सफल, अब बढ़ाएंगे रकबा

बरथुन के किसान उदयराम गायरी ने भी ताइवान के पपीते की खेती शुरू की है। उन्होंने प्रायोगिक तौर पर करीब 130 पौधे लगाए हैं। पौधों को तय मानकों के अनुरूप लगाया है। जल्द ही इनमें फल लगने वाले हैं। प्रायोगिक तौर पर पपीते के पौधे लगाने में लाभ दिखाई दे रहा है। इस संबंध में उदयराम गायरी बताते हैं कि पौधे में फल ज्यादा और बेहतर क्वालिटी के लगते हैं। इससे आमदनी में इजाफा होगा। सफल प्रयोग के बाद आगामी दिनों में बोवनी के रकबे में इजाफा करेंगे। यह खेती मैंने बराड़ा में किसानों की दशा देखकर शुरू की है।

बराड़ा में तैयार करते हैं पौधे

बराड़ा के तुलसीदास बैरागी भी ताइवान के पपीते की खेती करते हैं। इसके अलावा वे अन्य किसानों को पौधे भी मुहैया कराते हैं। इस संबंध में बैरागी बताते हैं कि हाईब्रिड बीज बाहर से बुलाते हैं। इन्हें 45 से 50 में पौधों के रूप में विकसित करते हैं। करीब 5 इंच का पौधा होने पर इन्हें किसानों को मुहैया कराते हैं। पपीते की बोवनी का समय सामान्यत: साल की शुरुआत में होता है, लेकिन पूर्ण रूप से विकसित होने पर एक पौधा करीब एक से सवा क्विंटल पपीते की पैदावार देता है।

ताइवान के पपीतों की खेती के लिए यह मानक

-एक बीघा में ताइवान के पपीता के करीब 450 पौधे लगाए जाते हैं।

-पौधे करीब 8 माह में फल देने लगता है।

-करीब सवा क्विंटल तक पपीता एक पेड़ पर लगता है।

-किसानों से एक बीघा में एक अनुमान के अनुसार डेढ़ से ढाई लाख तक की आमदनी होती है।

-एक बीघा पर पपीते की फसल बोने में करीब 20 से 25 हजार रुपए खर्च आता है।

-बोवनी में पपीते के पौधों के बीच करीब 7 से 8 फीट का फासला रखा जाता है।

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