कांग्रेस संगठनात्मक ढांचे में पिछड़ों और दलितों को प्राथमिकता देगा। पांच स्तरीय संगठन तैयार कर कांग्रेस सियासी मैदान में उतरेगी, जिसमें करीब 70% पदों पर इन वर्गों को जिम्मेदारी मिलेगी। यह संगठन आरक्षण सीमा बढ़ाने का संदेश देगा।
कांग्रेस पार्टी आगामी चुनावों के लिए अपने संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव करने जा रही है। इस बार पार्टी ने जातीय समीकरण और सक्रियता को ध्यान में रखते हुए संगठन में पिछड़ों और दलितों को प्रमुख स्थान देने का निर्णय लिया है। करीब 70 प्रतिशत पदों पर इन्हीं वर्गों को जिम्मेदारी दी जाएगी।
कांग्रेस का यह कदम पार्टी के प्रति पिछड़ी और दलित जातियों का विश्वास जीतने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। इस बदलाव का संदेश यह होगा कि कांग्रेस आरक्षण की सीमा बढ़ाने की हिमायती है। पार्टी का उद्देश्य न केवल जातीय समीकरण को सुदृढ़ करना है, बल्कि वह जनहित के मुद्दों पर भी अपना ध्यान केंद्रित करेगी।
इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने पांच स्तरीय संगठन तैयार करने का निर्णय लिया है, जिसके माध्यम से वह सियासी मैदान में नई ऊर्जा के साथ उतरेगी। पार्टी ने जिलाध्यक्षों के चयन के दौरान भी इस फॉर्मूले का प्रभाव दिखाने की योजना बनाई है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के नेतृत्व में कांग्रेस ने छह जोन में बैठकें की हैं, जिसमें जिलाध्यक्षों और अन्य पदों के दावेदारों से चर्चा की गई है।
इस नई संरचना के तहत, कांग्रेस की प्राथमिकता जनहित के मुद्दों पर संघर्ष करना होगा, जो आगामी चुनावों में पार्टी को सशक्त बना सकता है।
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