भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप एवं उनके आविर्भाव, चरित्र, गुण, प्रभाव और वचन की महिमा अनंत और अपार है। आज अविनाशी, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान, पूर्ण ब्रह्म परमात्मा ही स्वयं दिव्य अवतार धारण करके प्रकट होते हैं। उनके दर्शन,भाषण श्रवण, िचंतन और वंदन कर पापी भी परम पवित्र हो जाते हैं। यह उनके …
Read More »हमारे राईटर
गौ रक्षा का गोरखधंधा
देश भर में गोरक्षा के नाम पर हाहाकार मचा हुआ है। चुनाव सिर पर है लिहाजा हर रोज बयानो के तीर चल रहे हैं गुजरात के ऊना में चार दलितों की गोरक्षकों की पिटाई ने आग में घी का काम किया है। उधर बिहार में और देश के अन्य हिस्सों …
Read More »आबादी विस्तार की वकालत कितनी जायज
सियाराम पांडेय ‘शांत ’——— देश में आबादी विस्फोटक स्थिति में पहुंच गई है। जनसंख्या वृिद्ध का आलम यह है कि हर दो मिनट पर एक बच्चे का जन्म हो रहा है। जनसंख्या बढ़ रही है और उसके बरक्स नागरिक सुविधाएं निरतंर घट रही हैं। रोटी,कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत जरूरतें …
Read More »बंबई में फिल्म के लिए बनी थी ‘मानस का हंस’ लिखने की योजना
सियाराम पाण्डेय ‘शान्त’ प्रख्यात उपन्यासकार अमृतलाल नागर को मानस का हंस लिखने की प्रेरणा बंबई में मिली थी और गोस्वामी तुलसीदास को समझने के सूत्र बनारस में हाथ लगे थे। यह सब तब हुआ जब वे मानस चतुश्शती के अवसर अपने भतीजों के पुत्रों के यज्ञोपवीत संस्कार में शामिल होने …
Read More »लेखन में अनुभव और यथार्थ के पर्याय अमृतलाल नागर
बंधु कुशावर्ती अमृतलाल नागर का जन्म यूं तो आगरा के गोकुलपुरा में 17 अगस्त, 1916 को हुआ था किंतु उनका लालन-पालन ही नहीं, पूरा मानस लखनऊ के वातावरण में बना और विकसित हुआ। लखनऊ के चौक में ही उनका बचपन बीता। कालीचरन हाईस्कूल में उन्होंने हाईस्कूल तक पढ़ाई की। 11वीं …
Read More »विसंगतियों पर सीधी चोट है ‘कंक्रीट के जंगल’
‘कंक्रीट के जंगल’ युवाकवि राकेशधर द्विवेदी का प्रथम काव्य पुष्प है। इसमें भावनाओं का प्रवाह ही नहीं, सामाजिक विसंगतियों,विद्रूपताओं के खिलाफ अकुलाहट और छटपटाहट भी है। संग्रह की सभी 67 कविताएं समाज को अपना संदेश देने में सफल रही हैं। इसमें सिर्फ शब्द गुंफन ही नहीं, भाव चिंतन और अभिकथन …
Read More »कहां गए गायों के शुभचिंतक बालक नचिकेता
सियाराम पांडेय ‘शांत’. नचिकेता को इस बात का कष्ट था कि उसके पिता अपने यज्ञ में ब्राह्मणों को अशक्य, निर्बल, बूढ़ी गायों को दान क्यों कर रहे हैं। क्या ये गायें ब्राह्मणों के यहां सुरक्षित रहेंगी। जब उनके पिता इन गायों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो ये ब्राह्मण इन …
Read More »मुख्य सचिव की नियुक्ति पर खूब हुई सियासत
के . बख्श सिंह, लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए सत्ता समीकरण साधना कभी आसान नहीं रहा। इसके बाद भी वह ठीक-ठाक तरीके से सरकार चलाने में सफल रहे तो यह उनकी अपनी काबलियत ही है। सबसे दुखद यह है कि सीएम अखिलेश की बाहर से नहीं, पार्टी के भीतर …
Read More »राम भरोसे पुराने पुल
जीवन में पुल का बड़ा योगदान है। पुल बड़ा है या छोटा, यह बहुत मायने नहीं रखता। पुल के अभाव में जीवन कितना कठिन होता है, यह मायने रखता है। पुल हो तो चिंता नहीं रहती। नदी-नालों को पार करने का खटका नहीं रहता लेकिन पुल न हो तो समस्या …
Read More »बिहार को मिला शराब का विकल्प
गम इस कदर मिला कि घबरा के पी गए। खुशी थोड़ी सी मिली तो मिला के पी गए। यूं तो न थी जनम से पीने की आदत। शराब को तन्हा देखा तो तरस खा के पी गए। हर नशेड़ी के पास नशा करने का एक ठोस बहाना होता है और …
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