सियाराम पांडेय‘शांत’ उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार की कलह के मद्देनजर दुष्यंत कुमार की एक गजल न जाने क्यों बार-बार याद आ रही है-‘बोलना भी है मना, सच बोलना तो दरकिनार।’ कुछ लोगों को इस पर आपत्ति हो सकती है लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम …
Read More »हमारे राईटर
हिंदुत्व के पुरोधा पं दीनदयाल उपाध्याय
सियाराम पांडेय ‘शांत’ पं. दीनदयाल उपाध्याय बहुमुखी प्रतिभा के धनी थी। पत्रकार, साहित्यकार और चिंतक तो वे थे ही, एक कुशल संगठक और समाज सुधारक भी थे। उनका व्यक्तित्व और कृतित्व इस देश के लिए किसी धरोहर से कम नहीं है। बेहद सरल और सहज व्यक्तित्व। मिलनसार इतने कि जो …
Read More »दिक्कत है भी तो कहें कैसे
सियाराम पांडेय ‘शांत’ एक बेहद लोकप्रिय भोजपुरी गीत है कि ‘दुखवा मैं कासे कहूं। खुद ही सहूं या कि रोता रहूं।’ दुख सबसे कहने की चीज भी तो नहीं। कविवर रहीम तो इस बारे में पहले ही मार्गदर्शन कर गए हैं कि अपने दुखों को सार्वजनिक मत होने दो क्योंकि …
Read More »पाकिस्तान पर भारत का एक और वार
सियाराम पांडेय ‘शांत’ मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है। यह सामान्य सी बात पाकिस्तान की समझ में क्यों नहीं आती? अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसकी आलोचना हो रही है। अमेरिका ने तो पाकिस्तान को अपने सभी आतंकी समूहों पर कार्रवाई करने …
Read More »रथ पर सवार होंगे अखिलेश, देंगे विकास का संदेश
मनीष शुक्ल लखनऊ। प्रदेश में चुनावी माहौल के बीच मुख्यंमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर रथ पर सवार होने जा रहे हैं। पांच साल पहले भी वह साइकिल रूपी रथ पर निकले और चुनाव के बाद साइकिल सीधे मुख्य मंत्री कार्यालय जाकर रोकी थी। हां, उस समय रथ के सारथी …
Read More »बीजेपी और बीएसपी ने जनता को छला : अखिलेश यादव
जय प्रकाश गुप्ता. सिद्धार्थनगर । केंद्र सरकार ने अच्छे दिन लाने के नाम पर जनता को धोखा दिया है। बहुजन समाज पार्टी ने पत्थर के हाथियों का विकास करके जनता के पैसों की बर्बादी की है। उक्त बातें सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के लोकार्पण के शुभ …
Read More »तनाव मुक्ति के लिए योग- संस्कृति की क्लास अनिवार्य
मनीष शुक्ल लखनऊ। भागमभाग की जिंदगी और आगे निकलने के लिए गला काट प्रतियोगिता ! नतीजा करियर में छोटी- बड़ी सफलता और जीवन में भारी तनाव। बदलते आर्थिक परिदृश्य में तनाव जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। लगभग तीस फीसदी छात्र ऐसे ही हालात में मानसिक तनाव के शिकार …
Read More »10वीं और 12वीं कक्षा में समाप्त होगी वार्षिक परीक्षा प्रणाली
मनीष शुक्ल लखनऊ। बोर्ड एक्जाम में फेल होने का डर और अंग्रेजी, गणित विज्ञान का भूत। फिर निराशाजनक परिणाम आने पर आत्महत्या जैसाआत्मघाती कदम। छात्रों के समग्र विकास के लिए किताबी कोर्स पर आधारित परीक्षा प्रणाली को गुडबाय करने की तैयारी शुरू हो गई है।अब कक्षा पांच से ही विद्यार्थी …
Read More »विकास के तेज या मंद स्वरूप पर मंथन
विकास भारत की जरूरत है लेकिन उसका स्वरूप कैसा हो, विकास धीरे-धीरे हो, क्रमबद्ध तरीके से हो या तीव्र गति से, यह विमर्श का विषय है। प्रसन्नता की बात यह है कि इस मुद्दे पर चिंतन शुरू भी हो गया है। नीति आयोग के तत्वावधान में विकास को लेकर बहस …
Read More »और भी है राष्ट्रीय कर्तव्य
सियाराम पाण्डेय (शान्त) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तीन दशक तक सत्ता में बने रहने के ख्वाहिशमंद हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि वे इस देश से गरीबी को मिटा देना चाहते हैं और इस निमित्त चुनाव जीतने को भाजपा का राष्ट्रीय कर्तव्य मान रहे हैं। वे पं. दीनदयाल …
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