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खुशखबरी: अब जल्द शुरू होगा “आधार कार्ड” से कैशलेस ट्रांजेक्शन

नईदिल्ली: सरकार आधार आधारित कैशलेस ट्रांजैक्शन की व्यवस्था जल्द शुरू करेगी। इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद लोग केवल अपने अंगूठे की पहचान के जरिये नये पेमेंट सिस्टम आधार पे से भुगतान कर सकेंगे।

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देश में अब तक आधार कार्ड धारकों की संख्या 111 करोड़ हो गई है। बारह अंक वाले विशिष्ट पहचान संख्या यानी आधार के मामले में सरकार को गणतंत्र दिवस के अगले दिन बड़ी कामयाबी मिली है। देश की 91 फीसदी आबादी को आधार नंबर जारी किया जा चुका है। खास बात ये है कि 18 वर्ष या उससे ज्यादा की उम्र वाले लगभग प्रत्येक व्यक्ति को आधार मिल चुका है।
कानून और इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार धारकों के नए आंकड़े का एलान करते हुए कहा कि इतनी बड़ी आबादी को आधार दिए जाने के साथ ही सरकार एक नयी वित्तीय व्यवस्था “आधार पे” शुरू करने जा रही है। इस नयी व्यवस्था में बगैर किसी कार्ड या मोबाइल नंबर के न केवल भुगतान किया जा सकेगा बल्कि भुगतान प्राप्त भी किया जा सकेगा। इस व्यवस्था में भुगतान हासिल करने वाले यानी दुकानदार के पास एक स्मार्टफोन होना चाहिए जिससे बायोमेट्रिक सेंसर जुड़ा होगा। सेंसर की कीमत मात्र दो हजार रुपये है। भुगतान करने के लिए फोन के एप में आधार संख्या डालनी होगी और अंगूठे की पहचान से लेनदेन किया जा सकेगा।
इस व्यवस्था के लिए जरूरी है कि आधार नंबर आपके बैंक खाते से जुड़ा हो। अब तक 39 करोड़ बैंक खातों को आधार से जोड़ा जा चुका है जबकि हर महीने दो करोड़ बैंक खातों को आधार से जोड़ने का लक्ष्य है। कानून व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि 14 बैंकों के साथ नयी व्यवस्था शुरू करने के लिए बात चल रही है। इसमें से पांच बैंकों, भारतीय स्टेट बैंक, सिंडीकेट बैंक, आईडीएफसी बैंक, आंध्रा बैंक और इंडसइंड बैंक ने पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। सरकार ने आधार पे को भीम के साथ जोड़ने का इरादा जताया है। इससे सभी बैंक एक साथ नयी सुविधा मुहैया करा सकेंगे।
सरकार का दावा है कि 31 मई 2014 को जहां आधार पेमेंट ब्रिज के जरिये 4474 करोड़ रुपये का लेनदेन होता था, वह 15 जनवरी को 44967 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसमें मनरेगा के तहत करीब साढ़े नौ करोड़ लोगों को मजदूरी दी गयी। इसी तरह रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी भुगतान 3970 करोड़ रुपये से बढ़कर 28762 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी।
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