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पाकिस्तान पर्यावरण संकट

लाहौर और मुल्तान में लॉकडाउन से भी नहीं थम रहा प्रदूषण का कहर, जानिए क्यों?

लाहौर। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है। पंजाब प्रांत के लाहौर और मुल्तान शहरों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंच चुकी है। लाहौर का AQI 1100 के पार जबकि मुल्तान का AQI 2000 से ऊपर चला गया है। इन हालातों के मद्देनज़र प्रशासन ने दोनों शहरों में पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया है।

लाहौर को दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया है। यहां की धुंध इतनी घनी हो चुकी है कि लोगों को दिन में भी हेडलाइट्स जलानी पड़ रही हैं। प्रशासन ने आपातकालीन कदम उठाए हैं, लेकिन बढ़ता प्रदूषण इन पर भारी पड़ रहा है।

मुल्तान शहर की स्थिति और भी बदतर हो गई है। यहां AQI 2000 का आंकड़ा पार कर चुका है, जो सांस लेने योग्य हवा के मापदंड से कई गुना अधिक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बताया है।

  1. उद्योगों और वाहनों से निकलने वाला धुआं।
  2. कृषि क्षेत्रों में पराली जलाने की समस्या।
  3. प्राकृतिक वायुमंडलीय स्थितियां जो प्रदूषण को रोकने में असमर्थ हैं।

लॉकडाउन के साथ प्रशासन ने प्रदूषण-उत्सर्जन स्रोतों को बंद करने का आदेश दिया है। हालांकि, इन उपायों का प्रभाव तत्काल नजर नहीं आ रहा है। स्थानीय लोग प्रदूषण से बचने के लिए मास्क और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इन स्तरों पर प्रदूषण लंबे समय तक सांस लेने पर खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकता है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

विशेष संवाददाता: मनोज शुक्ल

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