लखनऊ: विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य पुरस्कार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांगजनों को सम्मानित करते हुए उनके सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दिव्यांगजन किसी से कम नहीं हैं और राज्य सरकार उन्हें शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा में मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सतत प्रयास कर रही है।
विशेष विश्वविद्यालय और छात्रवृत्ति योजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लखनऊ में शकुंतला देवी विश्वविद्यालय और चित्रकूट में रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।
इनकी संख्या बढ़ाने पर जोर दिया गया है ताकि दिव्यांगजनों को और अधिक अवसर मिलें। इस कार्यक्रम में 75% से अधिक अंक लाने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया और 2 लाख 53 हजार 211 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई।
सहायक उपकरण और डीबीटी के माध्यम से लाभ
सरकार ने दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण, टैबलेट, कृत्रिम अंग और ट्राइसाइकिल का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 में जहां केवल 7-8 लाख दिव्यांगजन पेंशन प्राप्त कर रहे थे, वहीं आज 11 लाख दिव्यांगजनों को 1000 रुपये मासिक पेंशन डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में भेजी जा रही है।
स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन में सुधार
राज्य सरकार ने मूक-बधिर बच्चों की सर्जरी के लिए 6 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की है। सरकारी भवनों में रैंप की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है और परिवहन विभाग की बसों में दिव्यांगजनों के लिए नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी गई है।
राजकीय सेवाओं में आरक्षण और प्रेरणा के उदाहरण
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए 4% आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है। साथ ही, उन्होंने प्रेरणा के रूप में दिव्यांग आईएएस अधिकारियों का उदाहरण दिया।
प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए अपने प्रयासों को निरंतर जारी रखेगी।
रिपोर्ट: विश्वार्ता ब्यूरो