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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी का बयान: “विभाजन से सीखें, गुलामी की बेड़ियां हमें फिर नहीं जकड़ सकेंगी”

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में दिए अपने एक बयान में ‘एक हैं तो नेक हैं, बटेंगे को कटेंगे’ का ऐतिहासिक संदर्भ पर जोर दिया। उन्होंने इस बयान के बारे में कहा कि यह नारा विशेष रूप से उस समय की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए दिया गया था, जब देश में विभाजन हुआ था। सीएम योगी ने कहा कि इतिहास को उठाकर एक बार आप झांकेंगे, तो समझ पाएंगे कि बंटे थे तो कटे थे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हम उस इतिहास से सबक लें, तो हमें कभी भी ऐसी स्थिति में नहीं फंसने देना चाहिए, जहां हम गुलामी की बेड़ियों में बंध जाएं।

सीएम योगी का यह बयान देश की आंतरिक एकता और अखंडता पर गहरे संकेत देता है। उनका कहना था कि विभाजन के समय जो हुआ, वह न केवल राष्ट्रीय पहचान का संकट था, बल्कि हमारी समाजिक और सांस्कृतिक धारा को भी प्रभावित कर गया। यह बयान उन लोगों के लिए था जो आज भी उस काले दौर से कोई सीख नहीं लेते और इतिहास के उस अंधेरे पक्ष को भूल जाते हैं। योगी आदित्यनाथ ने जोर देते हुए कहा कि इस नारे का असली उद्देश्य समाज में एकता और अखंडता को बनाए रखना था।

लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार पर भी सीएम योगी ने तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग स्वयं संविधान का गला घोंट चुके थे, वही आज संविधान की प्रति हाथों में लेकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।

सीएम ने इस मुद्दे पर ध्यान दिलाया कि भारतीय संविधान में जब तक आपातकाल लागू नहीं हुआ था, तब तक उसमें ‘सेक्यूलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्दों का कोई जिक्र नहीं था। ये शब्द आपातकाल के दौरान, जब देश में लोकतंत्र पर संकट था, तब जोड़े गए थे। योगी ने यह भी कहा कि वह लोग, जिन्होंने लोकतंत्र और संविधान को कुचला था, आज उसी संविधान को लेकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अब देश की जनता इन लोगों को पूरी तरह से समझ चुकी है और इसीलिए आगामी चुनावों में उन्हें उनकी असलियत का अहसास हो रहा है। उन्होंने यह विश्वास जताया कि जनता की समझ और सूझबूझ के कारण देश अब ऐसे तत्वों से बचा रहेगा, जो लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने का काम करते हैं।

इस बयान में सीएम योगी ने न केवल अपने प्रदेश बल्कि पूरे देश के सामाजिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य पर गहरी टिप्पणी की है। उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत में लोकतंत्र मजबूत है और इसका श्रेय उन लोगों को जाता है जिन्होंने संविधान की असली धारा को बनाए रखा।

योगी आदित्यनाथ के इस बयान ने न केवल भारतीय राजनीति को बल्कि पूरे देश की सामाजिक और सांस्कृतिक धारा को भी स्पष्ट किया। उनका यह संदेश था कि इतिहास से सीखने की आवश्यकता है और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है।

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