“उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतसत्र में कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने संभल की घटना पर चिंता जताई। सांप्रदायिक हिंसा में वृद्धि पर चर्चा और सरकार से जवाबदेही की मांग की।”
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने प्रदेश में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं पर गहरी चिंता जाहिर की। उन्होंने नियम 311 के तहत संभल के मुद्दे को सदन में उठाते हुए इस पर तत्काल चर्चा कराने की मांग की।
श्रीमती मिश्रा ने कहा, “उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। यह प्रदेश के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर कर रही हैं। सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए और इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए।”
कांग्रेस नेता ने प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि संभल जैसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि सरकार इन मुद्दों को लेकर उदासीन है। उन्होंने सरकार से इन घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की।
सदन में इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए कांग्रेस ने जोरदार मांग की। इसके बाद अन्य विपक्षी दलों ने भी इस पर सरकार को घेरने का प्रयास किया।
कांग्रेस का यह कदम राज्य की कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक हिंसा पर विपक्ष की एकजुटता को दर्शाता है। यह मुद्दा आगामी चुनावी परिदृश्य में राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकता है।
- संभल में क्या हुआ:
- संभल में सांप्रदायिक हिंसा की घटना ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए।
- कांग्रेस ने इसे राज्य की शांति और सौहार्द के लिए गंभीर चुनौती बताया।
- कांग्रेस का स्टैंड:
- कांग्रेस ने नियम 311 के तहत इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की।
- प्रदेश सरकार की उदासीनता और सांप्रदायिक घटनाओं में वृद्धि पर सवाल उठाए।
- शीतसत्र में विपक्ष की भूमिका:
- विधानसभा में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने सांप्रदायिक हिंसा को लेकर सरकार से जवाबदेही मांगी।
- सदन में इस मुद्दे पर गरमागरम बहस होने की संभावना है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल