Saturday , January 4 2025

Shivani Dinkar

जम्मू-कश्मीर : कुपवाड़ा में आतंकियों व सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, एक आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर : कुपवाड़ा में आतंकियों व सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, एक आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरने व राज्यपाल शासन लगने के साथ ही राज्य में आतंकी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। शुक्रवार को एक तरफ जहां कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। इस मुठभेड़ में एक आतंकी के मारे जाने की खबर है। दूसरी …

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बठिंडा में जहरीला चारा खाने से 15 गायों की मौत, सभी थीं गर्भवती

डबवाली रोड पर सिरसा रेलवे फाटक के नजदीक स्थित श्री बाल गोपाल गोशाला में गुरुवार दोपहर को अचानक 15 गायों की मौत हो गई। सभी गायें गर्भवती थीं। बताया जा रहा है कि जहरीला चारा खाने से ही गोवंश की हालत बिगड़ी और उसके बाद एक-एक कर उनकी मौत हो गई। घटना के बाद गोशाला प्रबंधकों और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही एसडीएम बलविदर सिह, तहसीलदार सुखबीर सिह बराड़, थाना कैनाल प्रभारी परविदर सिह पशुपालन विभाग के डॉक्टरों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और चारे का सैंपल लेने के बाद मृत पशुओं को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गोशाला को संचालित करने वाली श्री गोशाला कमेटी के महामंत्री साधु राम कुसला ने बताया कि करीब 11 बजे लोग इन गायों को चारा डालकर गए थे। यह रूटीन की बात है। गो प्रेमी गायों को चारा आदि डालने के लिए नियमित रूप से पहुंचते हैं। करीब साढ़े बारह बजे एक-एक कर गोधन गिरने लगा। देखभाल करने वाले कारिदों को जैसे ही पता चला तो उन्होंने उनके अलावा डॉक्टरों को सूचना दी। उन्होंने बताया कि मरने वाली सभी गायें गर्भवती थी, इसीलिए इन्हें अलग शेड में रखा गया था। पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. शीतल जिदल ने बताया कि चारे की सैंपलिग कर ली गई है। फिलहाल जहरीला चारा खाने से मौत होने की बात सामने आई है। हालांकि गायों के मौत के कारण की सही जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही लग पाएगी।

डबवाली रोड पर सिरसा रेलवे फाटक के नजदीक स्थित श्री बाल गोपाल गोशाला में गुरुवार दोपहर को अचानक 15 गायों की मौत हो गई। सभी गायें गर्भवती थीं। बताया जा रहा है कि जहरीला चारा खाने से ही गोवंश की हालत बिगड़ी और उसके बाद एक-एक कर उनकी मौत हो …

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अमरनाथ यात्रा : बिगड़े मौसम के बीच 1007 श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन

अमरनाथ यात्रा : बिगड़े मौसम के बीच 1007 श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन

बिगड़े मौसम के मिजाज के बीच श्री अमरनाथ यात्रा के पहले दिन 1007 श्रद्धलुओं ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। गुरुवार सुबह बारिश के चलते आधार शिविर नुनवान (पहलगाम) से श्रद्धालुओं का जत्था रवाना नहीं किया जा सका, जबकि बालटाल से सुबह रोके जाने के बाद दोपहर …

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सरकारी मुकदमों की शुरू हुई ऑनलाइन निगरानी, जानिए कितने मुकदमे हैं लंबित

देश भर की अदालतों में तीन करोड़ से ज्यादा मुकदमें लंबित हैं और सरकार सबसे बड़ी मुकदमेबाज है। सरकारी मुकदमों का त्वरित निपटारा, मुकदमों की निगरानी की एकीकृत व्यवस्था और महत्वपूर्ण मुकदमों को खास तवज्जो सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। लेकिन प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन को साकार करते हुए इसका हल तलाश लिया गया है। लीगल इन्फारमेशन मैनेजमेंट एंड ब्रीफिंग सिस्टम (एलआइएमबीएस) के जरिये सरकारी मुकदमों की चौबीस घंटे आनलाइन निगरानी हो रही है। सरकारी मुकदमों का ज्यादातर ब्योरा ऑनलाइन डाल दिया गया है। इतना ही नहीं कौन सा मुकदमा किस अदालत में किस स्तर पर लंबित है और फैसले के बाद आगे अपील की जाए या नहीं सब कुछ ऑनलाइन तय होगा। एसएमएस एलर्ट और महत्वपूर्ण मुकदमों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। कानून मंत्रालय ने सरकारी मुकदमों के लिए आंतरिक ऑनलाइन निगरानी सिस्टम तैयार किया है जिसमें सभी मंत्रालय और विभाग शामिल हैं। कानून मंत्रालय के विधि सचिव सुरेश चंद्रा ने गुरुवार को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिये एलआइएमबीएस की खूबियां और लाभ बताया। उन्होंने बताया कि एलआइएमबीएस सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों में सफलतापूर्वक लागू हो गया है। इसमें मंत्रालय के अधिकारी, नोडल आफीसर, वकील, कानून मंत्रालय के अधिकारी सभी शामिल हैं। इसके जरिये एक ही जगह सभी विभागों और मंत्रालयों के लंबित मुकदमों की जानकारी उपलब्ध है जिससे न सिर्फ मुकदमों का त्वरित निपटारा होगा बल्कि भ्रम की स्थिति और सरकारी खजाने पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ भी घटेगा। पिछले तीन सालों में 62 मंत्रालयों के 7800 यूजर्स ने 2.91 लाख मुकदमों को इस पर अपलोड किया है। इसके जरिये आसानी से मुकदमों की निगरानी हो सकेगी। इसमें एसएमएस एलर्ट की भी व्यवस्था है ताकि संबंधित अधिकारी और मंत्रालय सर्तक हो सकें और तत्काल जरूरी कदम उठा सकें। इसकी एक खासियत यह भी है कि इसमें यूनिक डिजिटल लाकर है जिसमें मुकदमें से संबंधित जरूरी दस्तावेज और सूचना (जवाब, प्रतिउत्तर, हलफनामा और फैसले) आदि अपलोड किये जा सकते हैं। इससे मुकदमें की सारी सूचना एक जगह एकत्रित रहेगी और उसे एकत्र करने में बेवजह का श्रम और समय नहीं लगेगा। फैसले के बाद अपील और विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने की भी समयबद्ध निगरानी की जा सकेगी। नोडल आफिसर और मंत्रालय महत्वपूर्ण मुकदमों को चिह्नित कर सकते हैं और महत्वपूर्ण मुकदमों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि महत्वपूर्ण मुकदमे के बारे में अनभिज्ञता के कारण देरी और लापरवाही की गुंजाइश नहीं रहेगी। एक ही मुकदमे की अलग-अलग विभागों में चल रही मुकदमेबाजी और अंतरमंत्रालय मुकदमेबाजी पर भी रोक लगेगी।

देश भर की अदालतों में तीन करोड़ से ज्यादा मुकदमें लंबित हैं और सरकार सबसे बड़ी मुकदमेबाज है। सरकारी मुकदमों का त्वरित निपटारा, मुकदमों की निगरानी की एकीकृत व्यवस्था और महत्वपूर्ण मुकदमों को खास तवज्जो सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। लेकिन प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन को साकार करते …

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गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी

गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी की जा रही है। इस बारे में उपभोक्ता व खाद्य मंत्रालय कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। सरकारी स्टॉक में फिलहाल 55 लाख टन दालें पड़ी हुई हैं, जिन्हें बाजार के हिसाब से अधिक मूल्य पर खरीदा गया है। अगर उसे खुले बाजार में बेचना पड़ा तो भारी घाटा उठाना पड़ेगा। घाटे के इस सौदे से बचने के लिए देश के 201 पिछड़े जिलों में सस्ती दर पर दालों को बेचने पर विचार किया जा रहा है। सरकारी स्टॉक की दालों को खपाने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवों की समिति की बैठक बुलाई गई है। बैठक में बफर स्टॉक की पुरानी पड़ी दालों के साथ मूल्य समर्थन योजना के तहत खरीदी दालों को पिछड़े जिलों में बांटे जाने पर कोई अहम फैसला लिया जा सकता है। महंगी दाल खरीद कर बाजार में निजी व्यापारियों को सस्ते में बेचना सरकार को भारी पड़ सकता है। दलहन फसलों की सरकारी एजेंसी नैफेड ने चालू सीजन में 43 लाख टन से अधिक की खरीद कर ली है। कई राज्यों में अभी भी खरीद चालू है। इनमें चना, अरहर, मसूर, उड़द और मूंग है। सारी दालें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी गई हैं। जबकि खाद्य मंत्रालय के बफर स्टॉक में 12 लाख टन पुरानी दाल पड़ी हुई है। इसमें काफी दालें बाजार भाव पर खरीदी गई हैं। कुछ दालें आयातित हैं। देश के चिन्हित 201 पिछड़े जिले के उपभोक्ताओं को इसका लाभ दिया जाएगा। केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बताया कि इस बारे में विस्तृत विचार-विमर्श हो चुका है। इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी जल्द ही ले ली जाएगी। दलहन कारोबार के एक जानकार व्यापारी ने बताया कि अरहर को छोड़कर बाकी सभी दलहन फसलें साबुत भी खाई जाती हैं, इसलिए राशन प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को दालें बांटना बहुत आसान है। दालों में सबसे अधिक सरकारी खरीद चने की हुई है। यह 25 लाख टन से भी अधिक है। 20 लाख टन अरहर, चार लाख टन उड़द, तीन लाख टन मूंग और इतनी ही मात्रा में मसूर खरीदी गई है। मानसून के सक्रिय होने के साथ ही सरकारी खरीद ठप होने लगी है।

गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी की जा रही है। इस बारे में उपभोक्ता व खाद्य मंत्रालय कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। सरकारी स्टॉक में फिलहाल 55 लाख टन दालें पड़ी हुई हैं, जिन्हें बाजार के हिसाब से अधिक मूल्य पर खरीदा गया …

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सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय रखें खास बातों का ध्यान

जीवन में सफल होने के लिए और धन कमाने के लिए हम कई देवी देव का पूजन करते हैं और उनसे अपने लिए वरदान भी मांगते हैं. जैसे देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है वैसे ही धन के लिए और अपार सफलता के लिए सूर्यदेव को भी प्रसन्न किया जाता है. आज हम आपको बताते हैं कैसे प्रसन्न किया जा सकता है सूर्य देव को. सूर्यदेव को प्रसन्न कर आप अपनी कुंडली के दोष भी हटा सकते हैं. अगर सूर्यदेव आपकी कुंडली में विराजमान है और रुष्ट हैं तो आप उन्हें कुछ इन उपायों से मना सकते हैं. सूर्य देव को सुबह जल तो सभी चढ़ाते हैं और अपने लिए कामना भी करते हैं लेकिन कई बार सूर्यदेव फिर भी उनसे रुष्ठ रहते हैं. इसके लिए हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे उपाय जो आपको सूर्यदेव को जल अर्पित करते हुए ध्यान में रखने होंगे. बता दें किन बातों का ध्यान रखना है आपको जल अर्पित करते हुए. * सूर्यदेव को हमेशा तांबे के लोटे से चढ़ाए जल चढ़ाएं, स्टील के लोटे से कभी ना चढ़ाएं इससे सूर्यदेव रुष्ठ होते हैं. * इस बात का खास ध्यान रखें कि पूर्व दिशा में रखे मुख करके ही सूर्यदेव को जल चढ़ाएं. * ब्रह्म मुहूर्त का समय सूर्यदेव को जल चढाने के लिए सबसे उचित है. इस मुहूर्त में जल अर्पित करें तो आपको कई लाभ हो सकते हैं. सुबह 8 बजे के पहले जल अर्पित कर देना चाहिए. * जल चढ़ाते समय 'ऊं आदित्याय नम:, ऊं भास्कराय नम:' का जाप कर सकते हैं. * चल अर्पित करते समय ध्यान रहे कि जल आपके पैरों को ना छुए. इससे बचने के लिए आप नीचे कुछ भी रख सकती हैं जिससे जल उसमें आ जाये और बाद में उसे पौधों में डाल दें.जीवन में सफल होने के लिए और धन कमाने के लिए हम कई देवी देव का पूजन करते हैं और उनसे अपने लिए वरदान भी मांगते हैं. जैसे देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है वैसे ही धन के लिए और अपार सफलता के लिए सूर्यदेव को भी प्रसन्न किया जाता है. आज हम आपको बताते हैं कैसे प्रसन्न किया जा सकता है सूर्य देव को. सूर्यदेव को प्रसन्न कर आप अपनी कुंडली के दोष भी हटा सकते हैं. अगर सूर्यदेव आपकी कुंडली में विराजमान है और रुष्ट हैं तो आप उन्हें कुछ इन उपायों से मना सकते हैं. सूर्य देव को सुबह जल तो सभी चढ़ाते हैं और अपने लिए कामना भी करते हैं लेकिन कई बार सूर्यदेव फिर भी उनसे रुष्ठ रहते हैं. इसके लिए हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे उपाय जो आपको सूर्यदेव को जल अर्पित करते हुए ध्यान में रखने होंगे. बता दें किन बातों का ध्यान रखना है आपको जल अर्पित करते हुए. * सूर्यदेव को हमेशा तांबे के लोटे से चढ़ाए जल चढ़ाएं, स्टील के लोटे से कभी ना चढ़ाएं इससे सूर्यदेव रुष्ठ होते हैं. * इस बात का खास ध्यान रखें कि पूर्व दिशा में रखे मुख करके ही सूर्यदेव को जल चढ़ाएं. * ब्रह्म मुहूर्त का समय सूर्यदेव को जल चढाने के लिए सबसे उचित है. इस मुहूर्त में जल अर्पित करें तो आपको कई लाभ हो सकते हैं. सुबह 8 बजे के पहले जल अर्पित कर देना चाहिए. * जल चढ़ाते समय 'ऊं आदित्याय नम:, ऊं भास्कराय नम:' का जाप कर सकते हैं. * चल अर्पित करते समय ध्यान रहे कि जल आपके पैरों को ना छुए. इससे बचने के लिए आप नीचे कुछ भी रख सकती हैं जिससे जल उसमें आ जाये और बाद में उसे पौधों में डाल दें.

जीवन में सफल होने के लिए और धन कमाने के लिए हम कई देवी देव का पूजन करते हैं और उनसे अपने लिए वरदान भी मांगते हैं. जैसे देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है वैसे ही धन के लिए और अपार सफलता के लिए सूर्यदेव को भी प्रसन्न किया …

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उत्तराखंड में बनेंगी फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट, पटरी पर आएंगी स्वास्थ्य सेवाएं

सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। मंशा यह है कि मरीजों को अपने जिले में ही हर संभव इलाज मिल सके। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना हर सरकार के लिए चुनौती रहा है। आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण चिकित्सकों की कमी होना है। मौजूदा सरकार ने इस समय प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। हाल ही में सरकार ने 500 से अधिक नए चिकित्सकों की भर्ती की है। अब इन चिकित्सकों के बेहतर उपयोग के लिए प्रदेश में 16 नए एफआरयू खोलने की तैयारी चल रही है। दरअसल, प्रदेश के अधिकांश जिलों में उचित स्वास्थ्य सेवाओं के न होने के चलते परिजन मरीजों को प्रमुख जिलों में लेकर आते थे। कई बार ऐसा भी हुआ कि चिकित्सा सुविधा के अभाव में मरीज रास्ते में दम तोड़ गए। गढ़वाल मंडल में देहरादून और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी के जिला अस्पतालों में अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की भरमार लगी रहती है। इसे देखते हुए अब सरकार ने हर जिला अस्तपाल को एफआरयू बनाने का निर्णय लिया है। इनके अलावा ऋषिकेश, कोटद्वार और रुद्रपुर में भी एफआरयू खोले जाएंगे। इसका मकसद यह है कि मरीजों को हर संभव इलाज अपने ही जिले में मिल सके। इसके लिए इन सभी एफआरयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा इन चिकित्सालयों को आधुनिक उपकरणों से भी लैस किया जाएगा। पहले चरण में तकरीबन 72 चिकित्सकों को इन एफआरयू में तैनात किया जाएगा। इन दिनों शासन में इन चिकित्सकों के नाम तय किया जा रहे हैं। इन चिकित्सकों की तैनाती के बाद एफआरयू विधिवत तरीके से संचालित होने लगेंगे। जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी होने की संभावना है।सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। मंशा यह है कि मरीजों को अपने जिले में ही हर संभव इलाज मिल सके। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना हर सरकार के लिए चुनौती रहा है। आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण चिकित्सकों की कमी होना है। मौजूदा सरकार ने इस समय प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। हाल ही में सरकार ने 500 से अधिक नए चिकित्सकों की भर्ती की है। अब इन चिकित्सकों के बेहतर उपयोग के लिए प्रदेश में 16 नए एफआरयू खोलने की तैयारी चल रही है। दरअसल, प्रदेश के अधिकांश जिलों में उचित स्वास्थ्य सेवाओं के न होने के चलते परिजन मरीजों को प्रमुख जिलों में लेकर आते थे। कई बार ऐसा भी हुआ कि चिकित्सा सुविधा के अभाव में मरीज रास्ते में दम तोड़ गए। गढ़वाल मंडल में देहरादून और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी के जिला अस्पतालों में अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की भरमार लगी रहती है। इसे देखते हुए अब सरकार ने हर जिला अस्तपाल को एफआरयू बनाने का निर्णय लिया है। इनके अलावा ऋषिकेश, कोटद्वार और रुद्रपुर में भी एफआरयू खोले जाएंगे। इसका मकसद यह है कि मरीजों को हर संभव इलाज अपने ही जिले में मिल सके। इसके लिए इन सभी एफआरयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा इन चिकित्सालयों को आधुनिक उपकरणों से भी लैस किया जाएगा। पहले चरण में तकरीबन 72 चिकित्सकों को इन एफआरयू में तैनात किया जाएगा। इन दिनों शासन में इन चिकित्सकों के नाम तय किया जा रहे हैं। इन चिकित्सकों की तैनाती के बाद एफआरयू विधिवत तरीके से संचालित होने लगेंगे। जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी होने की संभावना है।

सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। …

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कबीर ने कहा था- सेवा में मन लगाओ, कुछ लोगों का मन आलीशान बंगले में लगा : नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाति-पंथ से परे होकर मानवता के धर्म का अनुपालन करने की सीख देने वाले संत कबीरदास की निर्वाण स्थली मगहर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा का संबोधन भोजपुरी में शुरू किया तो वहां का जनमानस उनका मुरीद हो गया। आजादी के बाद से यह पहला मौका है जब कोई प्रधानमंत्री मगहर आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के दौर में सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक साथ आ गए हैं। यह सभी लोग समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार का हित देखते हैं। देश में कुछ दलों को शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति चाहिए। उनको लगता है जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे उतना राजनीतिक लाभ होगा। समाजवाद और बहुजन की बात करने वालों का सत्ता के प्रति लालच आप देख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि हमारी सरकार ने आवास योजना के तहत गरीबों को घर देना शुरू किया है। हमने पूछा पहले की यूपी सरकार गरीबों के लिए बनाए जाने वाले घरों की कम से कम संख्या तो बताएं, लेकिन उन्हें अपने बंगलों में रुचि थी। वो हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। उन्होंने गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। वे सिर्फ सियासत करते रहे। उन्होंने कहा कि कबीर ने कहा था कि सेवा में मन लगाओ, लेकिन कुछ लोगों को मन सिर्फ अपना बंगले में लगा हुआ है। समाजवाद और बहुजन की बातें करने वाले लोग आज जनता को ठगने का काम कर रहे हैं।गांधी परिवार पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कबीर की बातों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कबीर शासक के रूप में भगवान राम की बातें करते थे, लेकिन आज के समय में कई परिवार खुद को जनता का भाग्य-विधाता समझते हैं। –– ADVERTISEMENT –– मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डाला मगहर पर प्रकाश यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश के राजनेताओं को गरीबों की चिंता नहीं रही। उन्‍होंने कभी गरीबों के लिए घर का निर्माण नहीं कराया। जब मोदी सरकार आई तो गरीबों के लिए छत का इंतजाम शुरू करा दिया। अभी दो दिन पहले ही देश में आपातकाल के 43 साल हुए। सत्ता की लालच ऐसा हो गया है कि आपातकाल लाने वाले और उसका विरोध करने वाले कंधा से कंधा मिला लिए हैं। 2 दिन पहले देश में आपातकाल को 43 साल हुए हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक साथ आ गए हैं। समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार का हित देखते हैं। संतकबीर दास की परिनिर्वाण स्थली मगहर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने उपस्थित जनसमुदाय को भोजपुरी में प्रणाम किया और कहा कि इस पावन भूमि को प्रणाम करत बानी। यह हमार सौभाग्य है कि आज हम यहां आइल बानी। मगहर आकर मन को विशेष संतोष मिला। मैंने गुफा को देखा जहाँ कबीर साधना किया करते थे। यहीं पर संतकबीर, गुरु नानक व गुरु गोरखनाथ ने आध्यत्मिक चर्चा की थी। पीएम मोदी ने कहा कि 14-15 वर्ष पहले जब पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी यहां आए थे, तब उन्होंने इस जगह के लिए एक सपना देखा था। उनके सपने को साकार करने के लिए,मगहर को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में सद्भाव-समरसता के मुख्य केंद्र के तौर पर विकसित करने का काम अब किया जा रहा है। संतकबीर नगर में पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम स्थल मगहर में पानी एकत्र यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीन तलाक के मामले में भी इन राजनीतिक दलों को देखा है। आज मुस्लिम महिलाएं भी तीन तलाक के खिलाफ हैं। लेकिन राजनीतिक दलों के लोग मुस्लिम महिलाओं की भलाई की कोई चिंता नहीं है। कबीरदास ने कहा था कि शासक वही है जो जनता की पीड़ा को समझता हो और उसका निदान करता हो। पर अफसोस कुछ परिवार आज कबीरदास की बात को पूरी तरह नकारने में लगे हैं। वह भूल गए हैं कि आज हमारे साथ कबीर दास हैं। कबीर दास मनुष्य-मनुष्य के बीच भेद पैदा करने वालों के खिलाफ थे। मन की बातः मोदी ने उल्लेख किए संत कबीर के पांच दोहे, मगहर को देंगे करोड़ों की सौगात यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कबीर के दर्शन को लोग नहीं समझ रहे हैं। हमारी सरकार गरीब, दलित, पीडि़त, वंचित लोगों के लिए काम कर रही है। लगभग पांच करोड़ लोगों का खाता खुलवाया। करीब एक करोड़ लोगों को सुरक्षा बीमा का कवच देकर और यूपी के गांवों में सवा करोड़ शौचालय बनवाया। हमने सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वीणा उठाया है। कबीर श्रमयोगी थे। कबीर ने कहा था कि काल करे सो आज कर, उसी के तहत तेजी के साथ बन रही सड़कें एवं कार्य कबीर के विचारों का प्रतिबिंब है। भारत का पूर्वी भाग विकास से अलग कर दिया था। आज काम हो रहा है। संत कबीर धूल से उठे लेकिन माथे का चन्दन बन गए, वो व्यक्ति से अभिव्यक्ति और इससे आगे बढ़कर शब्द से शब्दब्रह्म हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मुझे भी तीर्थ स्थल पर आने का मौका मिला। मैने कबीर की मजार पर चादर चढ़ाई, फूल चढ़ाया। कबीर दास की गुफा भी देखी। उन्होंने कहा कि यह भूमि पूण्य फल देने वाला है। करीब 24 करोड़ रुपये की लागत से कबीर के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर का पूरा जीवन सत्य की खोज में बीता है। वह फक्कड़ स्वभाव के थे, लेकिन दिल के साफ थे। बाहर से कठोर और भीतर से कोमल थे। वह अपने जन्म से नहीं कर्म से महान बन गए। योग, कबीर और कुंभ को वैश्विक पहचान दिलाना प्रधानमंत्री का लक्ष्य यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर व्यक्ति से अभिव्यक्ति बन गए। उन्होंने समाज की चेतना को जागृत करने का काम किया। उन्‍होंने कहा था कि यदि हृदय में राम है तो क्या काशी क्या मगहर। कबीर दास कहते थे कि हम काशी में प्रकट भये हैं, रामानंद चेताए। कबीर भारत की आत्मा और रससार कहे जा सकते हैं। उन्होंने जाति-पाति के भेद तोड़ा। वह सबके थे, इसलिए सब उनके हो गए। संत रामानंद ने संत कबीर को रामनाम की राह दिखाई। आज महापुरुषों के नाम पर राजनीति की जा रही है। समाज को सदियों से दिशा दे रहे मार्गदर्शक, समभाव और समरसता के प्रतिबिम्ब महात्मा कबीर को उनकी ही निर्वाण भूमि से मैं उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूँ। सैकड़ों वर्षों की गुलामी के कालखंड में अगर देश की आत्मा बची रही, तो वो ऐसे संतों की वजह से ही हुआ। कबीर ने जाति-पाति के भेद तोड़े, "सब मानुस की एक जाति” घोषित किया, अपने भीतर के अहंकार को ख़त्म कर उसमें विराजे और ईश्वर का दर्शन करने का रास्ता दिखाया। कबीर की साधना 'मानने’ से नहीं, ‘जानने’ से आरम्भ होती है। सिर से पैर तक मस्तमौला, स्वभाव के फक्कड़, आदत में अक्खड़, भक्त के सामने सेवक, बादशाह के सामने प्रचंड दिलेर, दिल के साफ, दिमाग के दुरुस्त, भीतर से कोमल बाहर से कठोर थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर को समझने के लिए कोई भाषा नहीं गढ़ी। बोलचाल की भाषा का इस्तेमाल किया। बोलचाल की भाषा में ही उन्होंने जीवन दर्शन को बताया। उनके कई दोहों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के साथ समाज में आने वाली आंतरिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए ऋषियों, मुनियों ने हमें मार्ग दिखाया। देश की चेतना को बचाने का कार्य संतों ने समय समय पर किया। उन्होंने बल्लभाचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंद, तुलसी आदि कई संतों का नाम लेते हुए कहा कि उस दौर में भी तमाम विपत्तियों से गुजरते हुए समाज को नई दिशा दी। रामानंद ने तो समाज के सभी वर्गों को जोड़कर जाति-पाति और छुआछूत को समाप्त किया। संत कबीर के बाद संत रैदास आए। अंबेडकर आए। सभी ने अपने-अपने तरीके से समाज को रास्ता दिखाया। बाबा साहब अंबेडकर ने हमें जीने का अधिकार दिया। आज समाज में राजनीतिक लाभ लेने के लिए समाज में असंतोष पैदा कर रहे हैं। गरीब के लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए तत्कालीन प्रदेश सरकार ने सहयोग नहीं किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश के राजनेताओं को गरीबों की चिंता नहीं रही। उन्होंने कभी गरीबों के लिए घर का निर्माण नहीं कराया। जब मोदी सरकार आई तो गरीबों के लिए छत का इंतजाम शुरू करा दिया। अभी दो दिन पहले ही देश में आपाल काल के 47 साल हुए। सत्ता की लालच ऐसा हो गया है कि आपात काल लाने वाले और उसका विरोध करने वाले कंधा से कंधा मिला लिए हैं। प्रधानमंत्री ने साहेब बंदगी, साहेब बंदगी कहते हुए सभा को समाप्त किया। सबका साथ, सबका विकास संत कबीर के विचारों की प्रतिध्वनि : योगी आदित्यनाथ मगहर की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। उन्होंने कहा कि संत कबीर के विचारों की प्रतिध्वनि ही सबका साथ सबका विकास भावना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल के साथ ही उत्तर प्रदेश को वह सब सौगात दी, जिसकी प्रदेश को लंबे समय से दरकार थी। प्रधानमंत्री ने गोरखपुर में एम्स, बस्ती में मेडिकल कालेज तथा सिद्धार्थ नगर में मेडिकल कालेज दिया है। पीएम मोदी ने ने उत्तर प्रदेश को रामायण सर्किट देने के साथ ही हमारे देश की विधा योग को वैश्विक मान्यता दिलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मध्यकालीन महान संत कबीरदास ने देश की रूढिय़ों के खिलाफ आवाज उठाई थी। उसी तरह लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी मोदी ने सबका साथ सबका विकास का नारा दिया था। आज भारत के अंदर विश्वास का वातावरण बन रहा है। भारत दुनिया के सामने सबसे तेज अर्थव्यवस्था बनाने में सफल हो रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 72 लाख से ज्यादा शौचालय बनवाने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इनकी ही प्रेरणा से 7250000 गैस कनेक्शन सिर्फ उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों को मिला है। 26 वर्ष से बंद यहां के गोरखपुर खाद कारखाने का को पुन:चलाने का काम शुरू हो गया है। गोरखपुर में एक नई चीनी मिल और बस्ती में बंद चीनी मिल खुलवाने का कार्य हुआ है। देश में रुढ़ीवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद जब तक रहेगा तब तक विकास नहीं हो सकता है। महान संत कबीर दास ने इसे मध्यकाल में ही शुरू कर दिया था। इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के चतुर्दिक विकास के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। सामाजिक एकता और भाईचारे के प्रतीक संतकबीर ने कर्म क्षेत्र को सर्व श्रेष्ठ माना है। उसी तरह के कार्य अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी कर रहे हैं। संत‍कबीर दास की परिनिर्वाण स्थली पर आयोजित जनसभा स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथ उठाकर जनसभा में उपस्थित लोगों का अभिवादन किया। मगहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में सभा मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुति शुरू हो गई है। कबीर पंथियों का निर्गुण भजन चल रहा है। इससे पहले उन्होंने संत कबीर की समाधि और मजार पर चादर चढ़ाकर शीश नवाया। वह कबीर गुफा में भी गए। ऐसा कहा जाता है कि कबीर गुफा में संतकबीर दास ध्यान किया करते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 24.9375 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली संतकबीर शोध अकादमी का शिलान्यास किया। पीएम मोदी की इस रैली को लोकसभा चुनाव के अभियान की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया, मुख्य सचिव राजीव कुमार, डीजीपी ओपी सिंह तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार हेलीकॉप्टर के बेड़े के साथ संतकबीर नगर रवाना हो गए। लखनऊ के एयरपोर्ट पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने लाल गुलाब देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। उनके साथ सीएम योगी आदित्यनाथ तथा कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी व चौधरी लक्ष्मीनारायण भी गए हैं। CM Office, GoUP ✔ @CMOfficeUP संत कबीर नगर में मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और #UPCM श्री #YogiAdityanath संत कबीर की समाधि​ स्थल पर। #PMIn… https://www.pscp.tv/w/bgRo8jEzMzk5MzAwfDFsRHhMWFl6cm9QeG2R0FcC5NQ-whtcE7rLDNHjwK_qLJ5fEB9aqKhpsbUHRg== … 10:56 AM - Jun 28, 2018 CM Office, GoUP @CMOfficeUP संत कबीर नगर में मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और #UPCM श्री #YogiAdityanath संत कबीर की समाधि​ स्थल पर। #PMInMagha pscp.tv 769 217 people are talking about this Twitter Ads info and privacy मगहर में बारिश संतकबीर दास की परिनिर्वाण स्थली मगहर में इस समय बारिश शुरू हो गई है। यहीं पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आने वाले हैं और वह सभा को संबोधित करेंगे। बारिश के बावजूद प्रधानमंत्री को सुनने के लिए आने वालों का क्रम जारी है। इसमें आम जनता के साथ बड़ी संख्या में कबीरपंथी शामिल हो रहे । मगहर में प्रधानमंत्री को सुनने बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंच पीएम मोदी ने कहा था कि संत कबीरदास ने अपनी अंतिम सांसे मगहर में ली थी, जबकि लोगों में आम धारणा है कि जिसकी भी मृत्यु वहां होती है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति नहीं होती।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाति-पंथ से परे होकर मानवता के धर्म का अनुपालन करने की सीख देने वाले संत कबीरदास की निर्वाण स्थली मगहर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा का संबोधन भोजपुरी में शुरू किया तो वहां का जनमानस उनका मुरीद हो गया। आजादी के बाद से यह पहला मौका है …

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दूर रहकर ऐसे ले सकते हैं सेक्स का मज़ा

अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए साथी से जुड़े रहना बहुत जरुरी है. चाहे आप उससे दूर ही क्यों ना हो लेकिन उसके टच में रहना जरुरी है ताकि आपके रिश्ते के बीच कोई दरार ना आये. वैसे ही रिश्ते में प्यार, सेक्स और रोमांस का भी अहम किरदार होता है जिससे हमारे रिश्ते और भी मजबूत बने रहते हैं. लेकिन अगर आपका पार्टनर आपसे दूर है तो आप ये सब करने की सोचते भी नहीं. आपको बता दें, दूर रहकर आप सेक्स का भरपूर मज़ा ले सकते हैं. आइये जानते हैं कैसे. भले ही आप अपने साथी से दूर हैं लेकिन सेक्स लाइफ में कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए. आज हम आपको यही बता रहे हैं दूर रहकर सेक्स का मज़ा कैसे ले सकते हैं. आपनायें ये टिप्स - * हॉट टेक्स्ट : अपने पार्टनर को हॉट टेक्स्ट सेंड कर सकते हैं. इसके अलावा कुछ इमोजी ऐसे आते हैं जिनसे आप यूज़ कर सकते हैं और कुछ गिफ्स भी ऐसे होते हैं जो आपमें सेक्स की भावना जगा सकते हैं. आप अपनी फोटो अपने पार्टनर को भी सेंड कर सकते हैं. * सेक्सी गिफ्ट्स : इरोटिक बुक और सेक्स टॉय जैसे गिफ्ट्स आप अपने पार्टनर को सेंड कर सकते हैं. साथ ही कुछ ऐसा भी भेज सकते हैं जिसे पहनकर वो सेक्सी लग सकते हैं. * डिस्टेंस-फ्रेंडली सेक्स टॉय : आपको बता दें, अगर सेक्स टॉय ना भेजना हो तो ऐप कंट्रोल सेक्स टॉय भी चुन सकते हैं. जैसे वाइब जाइव (Vibe Jive) बेहतर ऑप्शन है जिससे आप दिनभर उन्हें सरप्राइज दे सकते हैं. * वीडियो कॉल करें : वीडियो कॉल भी एक बेहतर ऑप्शन है, जिसमें आप एकदूसरे को देख सकते हैं और उनके हाव भाव जान सकते हैं. ऐसे में आप उनसे सेक्सी बातें कर सकते हैं.

अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए साथी से जुड़े रहना बहुत जरुरी है. चाहे आप उससे दूर ही क्यों ना हो लेकिन उसके टच में रहना जरुरी है ताकि आपके रिश्ते के बीच कोई दरार ना आये. वैसे ही रिश्ते में प्यार, सेक्स और रोमांस का भी अहम किरदार …

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इंफिनिटी डिस्प्ले के साथ भारत में शुरू हुई सैमसंग गैलेक्सी जे 8 की सेल

सैमसंग गैलेक्सी जे8 स्मार्टफोन को आज से आप खरीद सकते हैं. सैमसंग ने कहा कि हैंडसेट को आज यानी की 28 जून से खरीदा जा सकता है. इस फोन को पिछले महीने गैलेक्सी जे6 के साथ लॉन्च किया गया था. फोन के अगर कुछ अहम फीचर्स की बात करें तो फोन में 18:5:9 सुपर एमोलेड डिस्प्ले दिया गया है जो एंड्रॉयड 8.0 ओरियो पर काम करता है. स्मार्टफोन में फेस अनलॉक फीचर भी है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ आता है. भारत में स्मार्टफोन की कीमत सैमसंग गैलेक्सी जे 8 को आप भारत में 18,990 रुपये की कीमत पर खरीद सकते हैं. स्मार्टफोन सारे रिटेल आउटलेट्स और ऑनलाइन शॉप जैसे ई शॉप,पेटीएम, फ्लिपकार्ट औऱ एमेजन पर उपलब्ध होगा. हैंडसेट ब्लैक, ब्लू और गोल्ड कलर वेरिएंट में आता है. फोन में 4 जीबी रैम और 64 जीबी का इंटरनल स्टोरेज दिया गया है. फोन के स्पेसिफिकेशन सैमसंग एंड्रॉयड ओरियो 8.0 पर काम करेगा. स्मार्टफोन 6 इंच के फुल HD+ सुपर एमोलेड डिस्प्ले के साथ आएगा जिसका ऑस्पेक्ट रेशियो 18:5:9 का होगा. फोन में ऑक्टा कोर क्वालकॉम स्नैपड्रैग्न 450 SoC है जो 4 जीबी के रैम के साथ आता है. गैलेक्सी जे 8 में डुअल कैमरा सेटअप है जो 16 मेगापिकस्ल के प्राइमरी सेंसर और 5 मेगापिक्सल के सेकेंडरी सेंसर के साथ आता है. फोन के फ्रंट में 16 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है तो वहीं फोन के फ्रंट और बैक में एलईडी फ्लैश की सुविधा दी गई है. 64 जीबी स्टोरेज वाले इस फोन को आप माइक्रो एसडी कार्ड की मदद से 256 जीबी तक बढ़ा सकते हैं. गैलेक्सी जे 8 में 4 जी VoLTE, वाई- फाई, ब्लूटूथ, जीपीएस/एपीएस, माइक्रो यूएसबी पोर्ट और 3.5mm का हेडफोन जैक दिया गया है. फोन में एक चैट ओवर वीडियो की भी सुविधा दी गई है. इसकी मदद से चैट करते करते आप वीडियो देख पाएंगे.

सैमसंग गैलेक्सी जे8 स्मार्टफोन को आज से आप खरीद सकते हैं. सैमसंग ने कहा कि हैंडसेट को आज यानी की 28 जून से खरीदा जा सकता है. इस फोन को पिछले महीने गैलेक्सी जे6 के साथ लॉन्च किया गया था. फोन के अगर कुछ अहम फीचर्स की बात करें तो …

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