“राम मंदिर के पुजारियों के लिए नई नियमावली तैयार, जिसमें रोटेशन के आधार पर पूजा-पाठ की जिम्मेदारी, ड्रेस कोड और अपवित्रता की स्थिति में मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी शामिल है। जानें पूरी जानकारी।”
लखनऊ। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के पुजारियों के लिए नई नियमावली तैयार कर दी गई है, जिससे पूजा-पाठ के तरीके और प्रक्रिया को सुसंगत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। इस नियमावली के अनुसार, पुजारियों को अब रोटेशन के आधार पर राम मंदिर के सभी मंदिरों में पूजा-पाठ की जिम्मेदारी दी जाएगी।
पुजारियों के लिए नई तैनाती प्रक्रिया:
हाल ही में, राम मंदिर में पूजा-पाठ के लिए प्रशिक्षित पुजारियों की तैनाती के लिए एक प्रशिक्षण अभियान चलाया गया था, जिसमें 20 पुजारियों को छह महीने का गहन प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण पूरा करने वाले पुजारियों को अब प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जा चुके हैं, और जल्द ही उनकी तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। पुजारियों की ड्यूटी को अलग-अलग तिथियों और शिफ्ट्स के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।
नई पूजा-पाठ संहिता:
नई नियमावली में पूजा-पाठ की संहिता पर भी जोर दिया गया है। विशेष रूप से, किसी भी पुजारी के परिवार में प्रसव या निधन होने पर उसे मंदिर में आने से पहले अपवित्रता की स्थिति में प्रवेश से बचना होगा। इस तरह की स्थितियों में पुजारियों को मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी रहेगी, जिससे धार्मिक मान्यताओं का पालन किया जा सके।
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ड्रेस कोड जल्द लागू:
राम मंदिर के पुजारियों के लिए जल्द ही ड्रेस कोड लागू किया जाएगा, जिससे मंदिर में जाने वाले भक्तों को एक निश्चित धार्मिक अनुशासन का अहसास हो सके। ड्रेस कोड की विशेषताएँ और नियम जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे।
राम मंदिर में पूजा-पाठ की प्रक्रिया को व्यवस्थित और नियमबद्ध बनाने के लिए नई नियमावली तैयार की गई है, जो न केवल पुजारियों की कार्यशैली को निर्धारित करेगी, बल्कि मंदिर के अनुशासन को भी बनाए रखेगी। ड्रेस कोड और अपवित्रता की स्थिति में प्रवेश की पाबंदी जैसे निर्णय राम मंदिर की पवित्रता और धार्मिक आस्था को संरक्षित रखने में मदद करेंगे।