Friday , January 3 2025
भोपाल गैसकांड कचरा, यूनियन कार्बाइड पीथमपुर, जहरीला कचरा विवाद, पीथमपुर विरोध प्रदर्शन, पुलिस लाठीचार्ज, Bhopal gas tragedy waste, Union Carbide Pithampur, toxic waste controversy, Pithampur protests, police lathi charge, भोपाल गैसकांड जहरीला कचरा, पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन, पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प, जहरीला कचरा स्वास्थ्य खतरा, नगर बंद प्रदर्शन, Bhopal gas tragedy toxic waste, Pithampur protest, clash between police and protesters, toxic waste health hazard, city shutdown protest,
भोपाल गैसकांड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध

भोपाल गैसकांड कचरे पर बवाल, युवक ने खुद को आग लगाई, पुलिस अलर्ट

पीथमपुर: भोपाल गैसकांड (यूनियन कार्बाइड) के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने की योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। आज नगर में पूर्ण बंद का आह्वान किया गया था। स्थानीय नेताओं, सामाजिक संगठनों और हजारों नागरिकों ने कचरे के निपटान की योजना का विरोध करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के दौरान स्थिति तब नियंत्रण से बाहर हो गई जब भीड़ उग्र हो गई और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

इस बीच, विरोध प्रदर्शन के दौरान एक युवक ने खुद को आग के हवाले कर दिया। यह घटना तब हुई जब प्रदर्शनकारियों ने प्रशासनिक दफ्तर के बाहर नारेबाजी कर रहे थे। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए आग बुझाई और घायल युवक को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। युवक की हालत गंभीर बताई जा रही है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भोपाल गैसकांड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने से गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने यह फैसला बिना स्थानीय नागरिकों से परामर्श के लिया है।

प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि कचरे का निपटान पूरी तरह से वैज्ञानिक और पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि इससे स्थानीय नागरिकों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

हालांकि, प्रशासन का यह तर्क नागरिकों को संतुष्ट करने में विफल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि भोपाल गैसकांड के बाद इस तरह के दावों पर विश्वास करना मुश्किल है।

1984 में भोपाल गैसकांड दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक थी। यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ था, जिससे हजारों लोग मारे गए और लाखों प्रभावित हुए। इस त्रासदी के बाद फैक्ट्री में बचा जहरीला कचरा अब भी एक गंभीर मुद्दा है। इसे नष्ट करने के लिए सरकार ने पीथमपुर को चुना, जो स्थानीय लोगों के लिए खतरे की घंटी बन गया है।

पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि जहरीले कचरे का निपटान सही तरीके से किया जाना चाहिए। कचरे को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विशेषज्ञों ने प्रशासन को सुझाव दिया है कि इस मुद्दे पर पारदर्शिता बनाए रखी जाए और नागरिकों की चिंताओं का समाधान किया जाए।

इस विरोध ने स्थानीय राजनीति को गर्मा दिया है। विपक्षी दलों ने सरकार पर जनविरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है। एक स्थानीय नेता ने कहा,
“यह सरकार की लापरवाही और जनता की आवाज को दबाने का प्रयास है। हम इस योजना को सफल नहीं होने देंगे।”

हालात को देखते हुए प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। पुलिस बल इलाके में तैनात है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com