प्रयागराज। छात्रों द्वारा पीसीएस (पीसेंट कंपीटिटिव सर्विस) और आरओ (रिवेन्यू ऑफिसर), एआरओ (एडिशनल रिवेन्यू ऑफिसर) की परीक्षा एक ही दिन आयोजित करने की मांग को लेकर भारी आक्रोश उत्पन्न हुआ है। छात्रों के प्रदर्शन को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने गहरी चिंता व्यक्त की है और उनके समर्थन में बयान जारी किया है। बीएसपी ने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर उचित कदम उठाने और बेरोज़गारी से परेशान छात्रों को राहत देने की मांग की है। पार्टी ने सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि खाली पड़े पदों पर बैकलॉग भर्ती को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
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बसपा का समर्थन, सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्विटर पर इस मामले में अपनी चिंता जाहिर करते हुए सरकार से छात्रों की मांग को गंभीरता से लेने की अपील की। उन्होंने बेरोज़गारी और छात्रों की कठिनाइयों को लेकर सरकार के रवैये पर सवाल उठाए। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव, मेवालाल गौतम ने सोशल मीडिया के जरिए पार्टी के स्टैंड को व्यापक रूप से साझा किया और इस मुद्दे पर जनता को जागरूक करने की कोशिश की।
कटेहरी उपचुनाव में भी रोजगार और महंगाई पर जोर
कटेहरी उपचुनाव के प्रचार के दौरान बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर और अन्य पार्टी नेताओं ने बेरोज़गारी, महंगाई और कानून व्यवस्था के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। प्रचार अभियान के तहत अमेठी, सुलतानपुर, अंबेडकर नगर, अयोध्या और बाराबंकी जिलों के पार्टी नेताओं ने बीएसपी शासन की उपलब्धियों को गिनाते हुए राज्य में युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की कमी और बढ़ती महंगाई पर सरकार को घेरा। इस प्रचार अभियान में पार्टी नेताओं ने डोर टू डोर जन संपर्क अभियान के जरिए अपनी बात जनता तक पहुंचाई।
पीसीएस और आरओ परीक्षा एक साथ करने की मांग पर बीएसपी का बयान
बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष, विश्वनाथ पाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस और आरओ, एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा एक ही समय में आयोजित करने की छात्रों की मांग पर प्रशासन की ओर से की गई पुलिस कार्रवाई की खबरों पर व्यापक चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों के इस प्रदर्शन से उत्पन्न स्थिति चिंताजनक है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सुविधाओं का अभाव और परीक्षा प्रणाली पर सवाल
विश्वनाथ पाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पीसीएस जैसी विशिष्ट परीक्षा के आयोजन के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जिसके कारण परीक्षा को दो दिन में कराया जा रहा है। पेपर लीक जैसी समस्याएं और परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी उन्होंने सवाल उठाए। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि इन मुद्दों को गंभीरता से लेकर परीक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।
गरीबी, बेरोज़गारी और महंगाई पर बीएसपी का हमला
बसपा नेताओं ने बेरोज़गारी, गरीबी और महंगाई के खिलाफ अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि छात्रों को दर-दर की ठोकरें खाने के बावजूद सरकार की ओर से कोई राहत नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों की परेशानियों का समाधान सरकार का प्राथमिक कर्तव्य होना चाहिए। इसके अलावा, बीएसपी ने सरकार से यह भी मांग की कि जितनी जल्दी हो सके सभी बैकलॉग भर्तियों की प्रक्रिया पूरी की जाए, ताकि बेरोज़गार युवाओं को रोजगार मिल सके।
अंत में: बीएसपी का कहना है कि सरकार को बेरोज़गार छात्रों के प्रति सहयोगपूर्ण और सहानुभूति का रवैया अपनाना चाहिए। सरकार को महंगाई, बेरोज़गारी और छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लेकर शीघ्र समाधान ढूंढना चाहिए, ताकि प्रदेश के युवाओं का भविष्य बेहतर हो सके और वे अपनी शिक्षा और कौशल के अनुसार सरकारी नौकरियों में भर्ती हो सकें।