“यूपी के किसान संगठनों ने दिल्ली मार्च का ऐलान किया है, जिसमें हजारों किसान नोएडा से दिल्ली की ओर कूच करेंगे। किसानों के साथ सुरक्षा के लिए ड्रोन, RAF और वज्र वाहन तैनात किए गए हैं। चिल्ला बॉर्डर पर 3 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। किसानों की मांगें और सरकार के साथ बातचीत को लेकर चिराग पासवान का बयान आया है।”
नई दिल्ली। यूपी के किसान संगठनों ने आज (2 दिसंबर 2024) को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया, जो संसद का घेराव करने का इरादा रखता है। नोएडा के महामाया फ्लाईओवर के पास लगभग 4-5 हजार किसानों का एक समूह एकत्र हुआ, जो बाद में दिल्ली की ओर बढ़ने का इरादा रखता है। इस मार्च को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नोएडा और दिल्ली के बीच चिल्ला बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है, और ड्रोन के जरिए निगरानी रखी जा रही है।
इस मार्च की प्रमुख मांगें किसानों द्वारा की गई भूमि अधिग्रहण, मुआवजा दरों में वृद्धि और रोजगार के अवसरों को लेकर हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें भूमि अधिग्रहण के बदले 10% प्लॉट दिए जाएं और मुआवजा दर 64.7% की दर से बढ़ाई जाए। इसके साथ ही, भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों को बाजार दर का 4 गुना मुआवजा दिए जाने की मांग की गई है।
केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने किसानों से बातचीत का आह्वान किया और कहा कि सरकार हमेशा किसानों की बात सुनने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली बार किसानों की मांगों को लेकर सरकार ने बिना किसी शर्त के कानून वापस ले लिए थे, और इस बार भी सरकार किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तत्पर है।
सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था पर कड़ी निगरानी:
नोएडा में धारा 144 लागू कर दी गई है, और ट्रैफिक पुलिस ने कई रूट्स को डायवर्ट कर दिया है। चिल्ला बॉर्डर पर 4-5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। ट्रैफिक जाम की स्थिति को देखते हुए नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें यात्रियों को वैकल्पिक रूट्स अपनाने की सलाह दी गई है।
किसानों की प्रमुख मांगें:
- किसानों को भूमि अधिग्रहण के बदले 10% प्लॉट मिलें।
- 64.7% की दर से किसानों को मुआवजा मिले।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार, बाजार दर का 4 गुना मुआवजा दिया जाए।
- भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के सभी फायदे दिए जाएं।
किसान संगठन और सरकार के बीच वार्ता:
पिछले दिनो, किसानों ने नोएडा के डीएम और अन्य अधिकारियों के साथ 3 घंटे लंबी बैठक की थी, लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही। भारतीय किसान परिषद और भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेताओं ने इस आंदोलन की अगुआई की है। किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर दिल्ली तक जाएंगे और यदि सरकार ने उनकी बात नहीं मानी, तो वे और सख्त कदम उठाने पर विचार करेंगे।
“जॉइंट SP का बयान: किसानों को रोकने के लिए श्री लेयर सिक्योरिटी प्लान तैयार”
नोएडा के जॉइंट SP ने किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए श्री लेयर सिक्योरिटी प्लान की घोषणा की है। 5 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, साथ ही 1000 PAC जवान और वाटर कैनन, टियर गैस स्क्वॉड भी मौजूद हैं। दिल्ली DCP अपूर्वा गुप्ता ने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। किसानों के नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए सुरक्षा इंतजाम:
नोएडा के जॉइंट एसपी, शिवहरि मीना ने किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए “श्री लेयर सिक्योरिटी प्लान” तैयार किया है। इस योजना के तहत, लगभग 5 हजार पुलिसकर्मियों को विभिन्न रास्तों पर तैनात किया गया है, जो लगातार चेकिंग कर रहे हैं। इसके अलावा, ट्रैफिक मैनेजमेंट को भी सुनिश्चित किया गया है, ताकि किसान आंदोलन के कारण किसी प्रकार की असुविधा न हो।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से 1000 PAC के जवानों को तैनात किया गया है, और इसके अलावा वाटर कैनन, टियर गैस स्क्वॉड और अन्य अनुशासनिक शाखाएं भी तैयार हैं। पुलिस का कहना है कि इन सख्त इंतजामों के बावजूद किसान संगठनों के साथ बातचीत जारी है, और वे शांति से आंदोलन करने की अपील कर रहे हैं।
किसान नेताओं की गिरफ्तारी:
नोएडा पुलिस ने सीटू के जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा सहित 10 किसान नेताओं को हिरासत में लिया है। ये किसान नेता दिल्ली कूच के समर्थन में थे और प्रदर्शन का हिस्सा बन रहे थे। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सुरक्षा को और भी कड़ा कर दिया है।
किसान संगठन और प्रदर्शनकारी:
इस आंदोलन में विभिन्न किसान संगठनों की भागीदारी है, जिनमें भारतीय किसान परिषद, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), भाकियू महात्मा टिकैत, और कई अन्य संगठन शामिल हैं। इन संगठनों का नेतृत्व भारतीय किसान परिषद के सुखबीर खलीफा और भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पवन खटना कर रहे हैं।
दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम:
दिल्ली DCP अपूर्वा गुप्ता ने कहा कि उन्हें अग्रिम जानकारी मिली थी कि कुछ किसान संगठन दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली में सदन भी चल रहा है, इसलिए किसानों को नई दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, ताकि कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके और आम जनता को परेशानी न हो। पुलिस का कहना है कि नोएडा पुलिस के साथ समन्वय बनाकर स्थिति को नियंत्रित किया जाएगा।
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विशेष संवाददाता — मनोज शुक्ल