मनोज शुक्ल
“गाजियाबाद की सबा हैदर ने अमेरिका के ड्यूपेज काउंटी बोर्ड का चुनाव जीतकर भारतीय समुदाय का नाम रोशन किया। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी और संघर्षों से सफलता तक का सफर”
लखनऊ/ गाजियाबाद । गाजियाबाद की गलियों से शिकागो की सड़कों तक, यह सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं। सबा हैदर का नाम आज न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व का विषय बन गया है। एक साधारण भारतीय परिवार की बेटी ने अमेरिका में ड्यूपेज काउंटी बोर्ड का चुनाव जीतकर यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से हर सपना साकार किया जा सकता है।
संघर्ष की कहानी
सबा के इस सफर में चुनौतियों की कोई कमी नहीं थी। पहली बार चुनाव लड़ने पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार को अपने कदमों की रफ्तार नहीं बनने दिया। उनके पिता अली हैदर, जो जल निगम के रिटायर्ड इंजीनियर हैं, ने उन्हें हर मुश्किल के बाद और भी मजबूत खड़ा होना सिखाया।
गाजियाबाद से अमेरिका तक का सफर
सबा की शिक्षा गाजियाबाद के होली चाइल्ड स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने राम चमेली देवी गर्ल्स कॉलेज से बीएससी में टॉप किया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से वाइल्डलाइफ में एमएससी की डिग्री प्राप्त की। शादी के बाद, उन्होंने अपने पति तबरेज अली के साथ शिकागो में नई ज़िंदगी शुरू की, जहां वे शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के क्षेत्र में सक्रिय हुईं।
गर्व का एहसास
सबा की जीत के बाद गाजियाबाद और बुलंदशहर में जश्न मनाया गया। उनके पिता की आंखों में गर्व के आंसू थे और मां का चेहरा खुशी से दमक रहा था। यह जीत केवल एक चुनाव की नहीं, बल्कि उस भारतीय बेटी की थी जिसने मेहनत और लगन से अपने सपने को सच कर दिखाया।
सबा की जीत हमें सिखाती है कि यदि सपनों को साकार करने का जज़्बा हो, तो कोई भी सीमा उन्हें रोक नहीं सकती। गाजियाबाद की इस बेटी ने सिद्ध कर दिया कि भारतीय बेटियां किसी भी देश में अपनी मेहनत से सफलता पा सकती हैं।
देश दुनिया से जुड़ी और भी रोचक जानकारी के लिए विश्ववार्ता पर बने रहें…..