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पूर्व PM मनमोहन सिंह का निधन

LIVE :डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर नेताओं ने जताया शोक: पीएम मोदी बोले- ‘अपूरणीय क्षति’, मायावती और राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और 1991 के ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों के जनक डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। यह दुखद खबर सोमवार रात नई दिल्ली स्थित एम्स से आई। उन्हें रात 8:06 बजे मेडिकल इमरजेंसी में लाया गया, लेकिन सभी प्रयासों के बावजूद रात 9:51 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर ने पूरे देश को गहरे शोक में डाल दिया है। उनके परिवार, राजनीतिक सहयोगियों और देशभर के नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के एक साधारण परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में हुई। वे एक अद्वितीय अर्थशास्त्री थे और भारतीय राजनीति में अपनी सादगी व ईमानदारी के लिए पहचाने जाते थे।

  • 1991 के आर्थिक सुधारों के जनक:
    डॉ. सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में भारत को आर्थिक संकट से उबारते हुए उदारीकरण और वैश्वीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए।
  • प्रधानमंत्री कार्यकाल (2004-2014):
    उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दस वर्षों तक सेवा दी, इस दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और इसे वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाया।
  • अर्थव्यवस्था को वैश्विक पहचान दिलाई:
    उनके प्रयासों से भारत एक निवेश और विकास का केंद्र बना।

डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। राजनीतिक दलों और गणमान्य व्यक्तियों ने गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

“डॉ. मनमोहन सिंह जी का योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति में अमूल्य रहा है। उनके निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं।”

“डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति के महान व्यक्तित्व थे। उनकी सादगी, ईमानदारी और नेतृत्व के गुण हमेशा याद रखे जाएंगे।”

“डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने ज्ञान और नीतियों से भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनका जाना देश के लिए एक बड़ी क्षति है।”

“देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज रात निधन होने की खबर अति-दुखद। भारत की अर्थव्यवस्था सुधार में उनका खास योगदान रहा। वे नेक इंसान थे। उनके परिवार व सभी चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।”

“यह बहुत दुखद है। वह एक महान प्रधानमंत्री थे जिन्होंने देश की सेवा पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ की।”

डॉ. सिंह के निधन की खबर ने न केवल उनके समर्थकों बल्कि उनके आलोचकों को भी भावुक कर दिया। एम्स के बाहर बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। देशभर में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने अपने कार्यक्रम स्थगित कर दिए।

26 सितंबर 1932

ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी

  • 1991 के आर्थिक सुधारों के जनक
  • 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री
  • वैश्विक मंच पर भारत की अर्थव्यवस्था को नई पहचान दिलाई

डॉ. सिंह की सादगी, ईमानदारी और नेतृत्व क्षमता उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती थी।

1991 में जब भारत गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब डॉ. सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में ऐतिहासिक निर्णय लिए। उनके नेतृत्व में भारत ने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीति अपनाई। इससे देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी और भारत को एक आर्थिक शक्ति के रूप में विश्व में पहचान मिली।

डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास पर रखा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य गणमान्य नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

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