हलिया (मिर्जापुर)। भीषण गर्मी और सूखते जलस्रोतों ने नमामि गंगे जल संकट को उजागर कर दिया है। स्थानीय विकासखंड के करीब दो दर्जन गांवों में जल आपूर्ति टैंकरों के भरोसे चल रही है। “हर घर नल जल योजना” के अंतर्गत लगाए गए नल पानी देने में विफल हो रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को गहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हरसड़ स्थित मुर्दहवा तालाब सहित दर्जन भर तालाबों में पानी पूरी तरह सूख चुका है। हालात यह हैं कि बच्चे इन सूखे तालाबों में क्रिकेट खेलते नजर आते हैं। इससे न सिर्फ भूजल स्तर पर असर पड़ा है बल्कि नमामि गंगे जल संकट और अधिक गहराता जा रहा है।
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बिजली संकट ने भी स्थिति को और खराब कर दिया है। ग्रामीणों को रात 9 बजे से सुबह 8 बजे तक ही बिजली मिलती है, जबकि दोपहर में मात्र दो घंटे की आपूर्ति होती है। तेज धूप में बाहर निकलना मुश्किल है और घरों के भीतर उमस ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है।
ग्रामवासियों ने जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन से मांग की है कि नहरों को संचालित कर तालाबों को भरा जाए और कूपों की सफाई ग्राम पंचायतों से करवाई जाए। उनका कहना है कि यदि तालाबों में पानी होता तो कुएं और हैंडपंपों का जलस्तर भी बरकरार रहता।
पर्शिया खुर्द की पानी टंकी से पटपरा, तीता और बेवगुना गांव की बस्तियों में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। वहीं हलिया, कोटार, सिकटा, वीरपुर, महुगढ़, भटवारी, बसुहरा, दिघिया, राजपुर, सोनगढ़ा, सुखड़ा आदि गांवों में तीसरे-चौथे दिन ही पानी मिल रहा है।
पटपरा, बेलाही, मतवार, नदना, पिपरा, मनिगढ़ा, थोथा, बैधा, देवरी, गोरगी सहित दो दर्जन गांवों में टैंकरों के माध्यम से जल आपूर्ति की जा रही है।

ब्लॉक विकास अधिकारी विजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि हैंडपंपों का रिबोर कराया जा रहा है। सभी सचिवों और ग्राम प्रधानों को निर्देशित किया गया है कि टैंकर से जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। नमामि गंगे परियोजना के तहत सभी कनेक्शन वाले गांवों में पत्रक के माध्यम से जलापूर्ति का निर्देश जारी किया गया है।
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