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उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय

यूपी में उच्च शिक्षा का नया युग: विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों को मंजूरी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव आया है। राज्य विधानसभा ने उच्च शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधारों के तहत चार विधेयकों को पारित किया है। इन विधेयकों के तहत प्रदेश में तीन नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना और विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों के लिए मार्ग प्रशस्त किया गया है। यह कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को शैक्षिक हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि इन विधेयकों के पारित होने से राज्य में छात्रों को अब उनके गृह राज्य में ही उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों के आने से अब प्रदेश के छात्रों को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, और उन्हें सस्ती और उच्च स्तरीय शिक्षा अपने प्रदेश में ही मिलेगी। योगेंद्र उपाध्याय ने यह भी कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में केवल राज्य में रजिस्टर्ड संस्थाएं विश्वविद्यालय स्थापित कर सकती थीं, लेकिन अब किसी भी अन्य राज्य में रजिस्टर्ड संस्थाएं, कंपनियां या ट्रस्ट जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा हो, वे भी उत्तर प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय स्थापित कर सकेंगी।

यह बदलाव छात्रों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। योगी सरकार की यह पहल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रगति करने में मदद करेगी, साथ ही रोजगार और शोध के अवसर भी उत्पन्न करेगी।

नए विश्वविद्यालयों में विद्या विश्वविद्यालय मेरठ, विवेक विश्वविद्यालय बिजनौर और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय उन्नाव शामिल हैं। इन विश्वविद्यालयों की स्थापना से न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

इसके अलावा, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 में संशोधन किया गया है, जिसके तहत विदेशी विश्वविद्यालयों को उत्तर प्रदेश में अपने परिसरों की स्थापना की अनुमति मिल गई है। इस संशोधन के बाद अब राज्य में शिक्षा के स्तर को और ऊंचा किया जाएगा, जिससे प्रदेश में छात्रों के लिए वैश्विक स्तर की शिक्षा सुलभ होगी।

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