“महाकुंभ 2024 के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई यात्रा बाघंबरी मठ से निकली। हाथी, घोड़े, ऊंट और रथ पर सवार एक हजार साधु-संत, 10 किमी लंबी यात्रा में शामिल हैं। यात्रा पर ड्रोन निगरानी की जा रही है और रास्ते में हजारों लोग फूल बरसाकर संतों का स्वागत कर रहे हैं। जानें इस ऐतिहासिक यात्रा के बारे में।”
प्रयागराज। महाकुंभ 2024 के महापर्व के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई यात्रा बाघंबरी मठ से निकली। इस यात्रा में करीब एक हजार साधु-संत अपने राजसी वैभव के साथ हाथी, घोड़े, ऊंट और रथ पर सवार होकर मेला क्षेत्र की ओर बढ़े। यात्रा की शुरुआत विधिपूर्वक पूजा-अर्चना के साथ बाघंबरी मठ से हुई, जहां संतों ने सनातन धर्म के प्रतीक धर्म ध्वजा के साथ यात्रा का शुभारंभ किया।
त्रिशूल लेकर एक कलाकार ने तांडव किया। ड्रोन कैमरे से यात्रा पर नजर रखी जा रही है।
धार्मिक यात्रा और सुरक्षा इंतजाम:
यात्रा में सबसे आगे धर्म ध्वजा और उसके पीछे कार्तिकेय भगवान की पालकी थी। इसके बाद अखाड़े के महामंडलेश्वर और अन्य संत रथ और ऊंट पर सवार होकर यात्रा कर रहे थे। यात्रा के मार्ग में डीजे और बैंड की धुन पर कलाकार करतब दिखा रहे थे, जबकि रास्ते में लोग पुष्पवर्षा के साथ संतों का स्वागत कर रहे थे। यात्रा की सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है, और जगह-जगह सुरक्षा कड़े इंतजाम किए गए हैं।
पेशवाई यात्रा में घोड़े पर सवार होकर पुलिस जवान भी साथ चलते रहे।
संतों की अगुवाई और प्रमुख संत:
महाकुंभ की पेशवाई यात्रा की अगुवाई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्रपुरी जी ने की। यात्रा में प्रमुख संतों के रूप में निरंजनी पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर कैलाश नंद गिरी जी महाराज और आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर बालकनानंद जी महाराज शामिल रहे। यह यात्रा लगभग 10 किमी लंबा मार्ग तय कर माघ मेला क्षेत्र में प्रवेश करेगी।
महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी रथ पर सवार होकर निकले हैं।
आध्यात्मिक संदेश और स्वागत:
महंत रवींद्रपुरी जी महाराज ने यात्रा के दौरान सभी धर्मों के लोगों का स्वागत किया और कहा कि इस महाकुंभ के आयोजन में सभी का स्वागत है। उन्होंने यह भी बताया कि इस यात्रा के माध्यम से सनातन धर्म का प्रचार और जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
हाथी पर सवार होकर निकले संतों पर रास्तेभर भक्तों ने फूल बरसाए
महाकुंभ के प्रमुख स्नान:
महाकुंभ 2024 के दौरान कुल छह प्रमुख स्नान होंगे, जिनमें 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या, 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माधी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का स्नान प्रमुख है।
सुरक्षा व्यवस्था का जायजा:
महाकुंभ मेला क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए डीजीपी प्रशांत कुमार ने शनिवार को मेला क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने मेला क्षेत्र में लगे CCTV, ड्रोन और अन्य सुरक्षा उपकरणों की जानकारी ली और कहा कि इस वर्ष महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं और संतों की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल