“यूपी विद्युत विभाग में कम राजस्व वसूली और बढ़े हुए लाइन लॉस पर बड़ी कार्रवाई। यूपीपीसीएल ने कई अभियंताओं को हटाया और कारण बताओ नोटिस जारी किया।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विद्युत विभाग में कम राजस्व वसूली और बढ़े हुए लाइन लॉस की समस्याओं पर यूपीपीसीएल (उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के अध्यक्ष आशीष गोयल ने कड़ा एक्शन लिया है। इस कार्रवाई में विभाग के आधा दर्जन अधिकारियों को दंडित किया गया है, जिनमें कई प्रमुख अभियंता शामिल हैं।
मुख्य निर्णय:
- बरेली और कन्नौज के अभियंता हटाए गए:
बरेली दो के मुख्य अभियंता और कन्नौज के अधीक्षण अभियंता को उनके पद से हटा दिया गया। इन अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप थे, जिनमें राजस्व वसूली में कमी और लाइन लॉस के बढ़ने के कारण विभागीय कार्यों में विफलता शामिल थी।
- कारण बताओ नोटिस:
सहारनपुर के दो अधीक्षण अभियंता को आरोप पत्र जारी किए गए हैं, जबकि सहारनपुर के मुख्य अभियंता को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। इनके खिलाफ विभाग में अनियमितताओं और राजस्व वसूली की प्रक्रिया में लापरवाही बरतने के आरोप हैं।
इसके अलावा बदायूं, देवीपाटन, गोरखपुर और केस्को के मुख्य अभियंता को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन अभियंताओं पर यह आरोप है कि इन्होंने लाइन लॉस और कम राजस्व वसूली के मामलों में सुधार लाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए।
कारण और उद्देश्य:
राजस्व वसूली में गिरावट और लाइन लॉस की बढ़ती समस्या ने यूपीपीसीएल को इस कदम उठाने के लिए मजबूर किया। खासकर, लाइन लॉस (जो बिजली चोरी और वितरण में हानि के कारण बढ़ता है) में वृद्धि से विभागीय खर्चे बढ़ गए हैं और राजस्व वसूली का आंकड़ा घटा है। अधिकारियों का कार्य यह सुनिश्चित करना है कि इन मुद्दों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
आशीष गोयल, यूपीपीसीएल के अध्यक्ष ने कहा, “हमारी प्राथमिकता विभाग में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ाना है। इन अधिकारियों को कार्य में सुधार करने का समय दिया जाएगा, लेकिन अगर परिणाम नहीं आए तो उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
विभागीय सुधार:
यूपीपीसीएल ने यह भी घोषणा की है कि भविष्य में राजस्व वसूली और लाइन लॉस के मामलों में सुधार के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी। इसके तहत:
- बिजली वितरण नेटवर्क को अपग्रेड किया जाएगा।
- बिजली चोरी पर कड़ी निगरानी रखने के लिए नई तकनीकी विधियों का इस्तेमाल किया जाएगा।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अधिक जागरूकता अभियानों को चलाया जाएगा ताकि उपभोक्ताओं में जिम्मेदारी की भावना बढ़े।
प्रभाव और प्रतिक्रिया:
इस कार्रवाई से विद्युत विभाग में अधिकारियों के बीच एक संदेश जाएगा कि अब कड़ी जवाबदेही होगी। इसके अलावा, यह कदम उपभोक्ताओं के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान करने की दिशा में भी अहम है, क्योंकि बेहतर राजस्व वसूली और कम लाइन लॉस से बिजली की उपलब्धता में सुधार होगा।
विपक्षी दलों ने इस कदम का स्वागत किया है, जबकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की कार्रवाई को दीर्घकालिक सुधारों के साथ जोड़ने की आवश्यकता है ताकि प्रणाली में स्थिरता आ सके।
यूपी सरकार ने विद्युत विभाग में सुधार के लिए कदम उठाए हैं, जो आने वाले समय में न केवल राजस्व बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि बिजली की वितरण प्रणाली को भी अधिक सक्षम और पारदर्शी बनाएंगे। हालांकि, यह देखा जाएगा कि इन सुधारों का कितना प्रभाव पड़ता है और क्या इन अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से विभागीय प्रदर्शन में सुधार होगा।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल