“यूपी सरकार द्वारा 44 जिलों में मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूल स्थापित किए जाएंगे। 25 करोड़ की लागत से बने स्कूलों में स्मार्ट क्लास, लैंग्वेज लैब और स्किल सेंटर होंगे। पढ़ाई से स्किल डेवेलपमेंट तक सब एक छत के नीचे।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के 44 जिलों में मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूल स्थापित करने की योजना बनाई है। इन स्कूलों का निर्माण प्री-प्राइमरी से इंटर तक की पढ़ाई के लिए किया जाएगा, जो बच्चों को एक छत के नीचे आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त विद्यालय
इन विद्यालयों में 42 आधुनिक कक्षाएं, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, लैंग्वेज लैब, और स्किल हेल्प सेंटर की सुविधा होगी। इसके अलावा, बहुउद्देश्यीय हॉल और स्टाफ के लिए आवास भी बनाए जाएंगे। 1500 विद्यार्थियों की पढ़ाई की व्यवस्था के साथ इन स्कूलों को 5 एकड़ में विकसित किया जाएगा। प्रत्येक स्कूल की निर्माण लागत 25 करोड़ रुपये होगी।
ये विद्यालय उत्तर प्रदेश के 44 जिलों में बनाए जाएंगे, जिनमें रामपुर, हाथरस, भदोही, बदायूं, बहराइच, अंबेडकरनगर, अमेठी, अमरोहा, औरैया, बागपत, बलिया, बाराबंकी, बिजनौर सहित अन्य जिले शामिल हैं। इसके अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, गाजीपुर, कानपुर देहात, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, रायबरेली और अन्य जिलों में भी इनका निर्माण किया जाएगा।
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इन स्कूलों का निर्माण ओएनजीसी द्वारा उसके कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड के तहत किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग इन स्कूलों में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि ये मॉडल स्कूल राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के साथ-साथ बच्चों को स्किल डेवेलपमेंट में मदद करेंगे। यह कदम उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
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