Wednesday , June 11 2025
बाल श्रम मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार का ठोस प्रयास

उत्तर प्रदेश को 2027 तक बाल श्रम मुक्त बनाने की कार्य योजना तैयार

उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2027 तक बाल श्रम मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में ठोस कदम बढ़ा दिए हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए श्रम विभाग द्वारा राज्य कार्य योजना तैयार की गई है। प्रमुख सचिव (श्रम) एम.के. सुन्दरम की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्पष्ट किया गया कि यह लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकता है जब सभी विभाग समन्वय और सहयोग से कार्य करें।

बैठक में निर्णय लिया गया कि 12 जून को अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम प्रतिषेध दिवस के अवसर पर राजधानी लखनऊ में एक वृहद जनजागरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रित किया जा रहा है।

श्रमायुक्त मार्केण्डेय शाही ने बैठक में बताया कि बाल श्रम की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि कई ऐसे बच्चे हैं जो स्कूलों में नामांकित तो हैं, लेकिन नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहते। ऐसे बच्चे संभावित बाल श्रम मुक्त अभियान के मुख्य केंद्र में रहेंगे। उन्होंने कहा कि इन बच्चों का स्कूल में ठहराव सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है, जिसे शिक्षा विभाग के सहयोग से ही हल किया जा सकता है।

महिला कल्याण सचिव बी. चन्द्रकला ने महिला व बाल सेवा योजनाओं के ज़रिए बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास की रणनीतियों को साझा किया। उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन और स्पॉन्सरशिप स्कीम की जानकारी भी दी।

एक प्रमुख समस्या यह है कि बाल श्रम से संबंधित अद्यतन डेटा उपलब्ध नहीं है। 2011 की जनगणना के बाद कोई नया आंकड़ा नहीं है, जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। इस पर विचार करते हुए निर्णय लिया गया कि पंचायत स्तर पर कामकाजी बच्चों का डेटा एकत्र किया जाएगा और इसे श्रम व शिक्षा विभाग के साथ साझा किया जाएगा।

‘नया सवेरा’ योजना पर चर्चा करते हुए यूनिसेफ के अधिकारी सैयद मंसूर कादरी ने सुझाव दिया कि योजना का गुणात्मक मूल्यांकन कर इसे दोबारा लागू किया जा सकता है।

प्रमुख सचिव श्रम एम.के. सुन्दरम ने कहा कि हर जिले में जल्द ही जिला टास्क फोर्स गठित की जाएगी। साथ ही ग्राम स्तर पर डेटा संकलन कर श्रम विभाग के साथ साझा किया जाएगा। यूनिसेफ के सहयोग से विभिन्न विभागों की सभी योजनाओं को एक बुकलेट के रूप में संकलित किया जाएगा ताकि बाल श्रमिक और उनके परिवार लाभान्वित हो सकें।

श्री सुन्दरम ने यह भी कहा कि बाल श्रम मुक्त अभियान में गैर सरकारी संगठनों, नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। सभी संबंधित विभागों के अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।

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