लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने फेक न्यूज़ पर रोकथाम और साइबर अपराध के खिलाफ एक नया अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज़ और डिजिटल अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस को और अधिक सशक्त और जागरूक बनाया जाएगा।
डिजिटल वॉरियर के रूप में लोगों का पंजीकरण
डीजीपी ने बताया कि पुलिस विभाग अब डिजिटल वॉरियर के रूप में नागरिकों का पंजीकरण करेगा। उन्होंने कहा कि 2018 से ही डिजिटल वॉलंटियर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी, जिसे अब और प्रभावी बनाया जाएगा।
सोशल मीडिया पर मजबूत उपस्थिति का लक्ष्य
प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस की पहुंच अब सिर्फ व्हाट्सएप तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी इसे मजबूत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय उपस्थिति बनाए रखने के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
साइबर क्लब और वर्कशॉप का आयोजन
स्कूल और कॉलेजों में युवाओं को डिजिटल जागरूकता प्रदान करने के लिए साइबर क्लब बनाए जाएंगे। साथ ही, साइबर वर्कशॉप के माध्यम से छात्रों को नई तकनीकों और विचारों से जोड़ा जाएगा। डीजीपी ने कहा, “युवाओं के नए-नए विचार हमारे अभियान को अधिक प्रभावी बनाएंगे।”
महाकुंभ के लिए विशेष तैयारियां
महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए डीजीपी ने बताया कि विश्वभर से आने वाले लोगों की समस्याओं को कम करने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिए उनकी शिकायतों और जरूरतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
यूपी पुलिस की डिजिटल रणनीति
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि साइबर अपराधों और फेक न्यूज़ के खिलाफ अभियान को व्यापक रूप से लागू करने के लिए जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, “हम सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्मों पर अपनी पहुंच बढ़ाकर लोगों को सुरक्षित डिजिटल वातावरण प्रदान करेंगे।”
यह अभियान न केवल डिजिटल अपराधों को रोकने में मदद करेगा, बल्कि समाज को फेक न्यूज़ के खतरों से बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।