“योगी सरकार की गोसंरक्षण और गोवंश संवर्धन की पहल से उत्तर प्रदेश गाय के दूध के उत्पादन में जल्द ही देश में नंबर वन बन जाएगा। गोरखपुर और भदोही में पशु चिकित्सा महाविद्यालय से दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी। जानें कैसे योगी सरकार ने गोवंश के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया है।”
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गोवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए योगी सरकार की पहल रंग लाने लगी है। गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर की गोशाला और गोरक्षपीठ की परंपरा के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंश के संरक्षण को अपनी प्राथमिकता बनाई है। राज्य सरकार ने निराश्रित गोवंश के संरक्षण के साथ-साथ गो पालकों को कई तरह की रियायतें दी हैं। इसके अलावा, गोवंश की नस्ल सुधार और नियमित टीकाकरण के माध्यम से उनकी उत्पादकता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
गाय के दूध के उत्पादन में उत्तर प्रदेश पहले से ही दूसरे स्थान पर है, लेकिन अब योगी सरकार की पहल से यह राज्य जल्द ही दूध उत्पादन के मामले में राजस्थान को पीछे छोड़ने की दिशा में अग्रसर है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में दुधारू गायों की संख्या 0.66 करोड़ है और कुल दूध उत्पादन 5.29 मिलियन टन है। इसमें विदेशी नस्ल की गायों से 1.7 मिलियन टन और मिश्रित एवं देशी नस्ल की गायों से 4.2 मिलियन टन दूध प्राप्त हो रहा है।
देशी गाय का दूध विदेशी नस्ल के मुकाबले अधिक गुणवत्ता वाला होता है, और इसका पालन भारतीय जलवायु के अनुसार अनुकूलित है, जिससे इनका पालन करना अधिक आसान होता है। यही कारण है कि योगी सरकार ने विशेष रूप से देशी गोवंश के संरक्षण और संवर्धन पर ध्यान केंद्रित किया है।
आने वाले समय में गोरखपुर और भदोही में स्थापित होने वाले पशु चिकित्सक महाविद्यालय से देशी गोवंश के संरक्षण और संवर्धन को और बढ़ावा मिलेगा। इन महाविद्यालयों में होने वाले शोध का लाभ उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के पशुपालकों को मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप, देशी गोवंश की उत्पादकता में वृद्धि होगी और उत्तर प्रदेश दूध उत्पादन में देश का पहला राज्य बन जाएगा।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में गोरखपुर में बनने वाले पशु चिकित्सा महाविद्यालय का निरीक्षण किया और इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने के लिए निर्देश दिए। 80 एकड़ भूमि पर बन रहे इस महाविद्यालय की लागत 350 करोड़ रुपये से अधिक है, और यह महाविद्यालय 2026 तक पूर्ण हो जाएगा।
इस महाविद्यालय के निर्माण से राज्य में दूध उत्पादन में गुणवत्ता में सुधार होगा और पशुपालकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
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