Saturday , January 4 2025
योगी सरकार, पराली जलाने की समस्या, गोवंश खाद, जैविक खेती, पराली के बदले खाद, योगी आदित्यनाथ, पराली जलाने पर अंकुश, गोवंश खाद वितरण, पर्यावरण संरक्षण, किसानों को खाद, भूमि उर्वरता, किसान की आय बढ़ाना, प्राकृतिक खाद, उत्तर प्रदेश, पराली का समाधान, गोवंश संरक्षण, कृषि नीति, Yogi Government, stubble burning issue, cow dung fertilizer, organic farming, stubble for cow dung, Yogi Adityanath, stubble burning control, cow dung distribution, environmental protection, farmer fertilizer, soil fertility, increase farmer income, natural fertilizer, Uttar Pradesh, stubble solution, cow protection, agricultural policy, योगी सरकार की पहल, पराली जलाना, गोवंश खाद का वितरण, पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, उत्तर प्रदेश सरकार, किसानों की मदद, गोवंश संरक्षण, रासायनिक खाद की कमी, भूमि उर्वरता में वृद्धि, किसान योजना, गोवंश खाद, पराली जलाने की रोकथाम, Yogi Government initiative, stubble burning, cow dung distribution, environmental protection, organic farming, UP government, farmer assistance, cow protection, reduced chemical fertilizers, soil fertility increase, farmer schemes, cow dung fertilizer, stubble burning prevention,

योगी सरकार की अनूठी पहल: किसानों को पराली के बदले गोवंश खाद

लखनऊ । योगी सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ योजना शुरू की है। यह पहल न केवल पराली जलाने की घटनाओं में कमी ला रही है, बल्कि किसानों को प्राकृतिक और जैविक खाद भी उपलब्ध करवा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस अभियान के तहत अब तक 2,90,208.16 कुंतल पराली एकत्रित की गई और किसानों को 1,55,380.25 कुंतल गोवंश खाद दी गई।

यह अभियान खासकर उन जिलों में सफल रहा, जहां किसानों ने बड़ी संख्या में पराली एकत्रित की और गोवंश खाद का लाभ उठाया। इन जिलों में वाराणसी, बांदा, बदायूं, जालौन, बरेली, अमेठी, सिद्धार्थनगर और बहराइच प्रमुख हैं। इस पहल से किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है, जिससे रासायनिक खादों का प्रयोग कम हो रहा है और भूमि की उर्वरता में वृद्धि हो रही है।

योगी सरकार की यह योजना पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि कर रही है। इसके तहत गो-आश्रय स्थलों से गोवंश खाद वितरण के द्वारा पशुपालन विभाग भी सक्रिय रूप से जुड़ा है, जिससे निराश्रित गोवंश के संरक्षण में मदद मिल रही है ।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com