पार्टी सूत्रों का कहना है कि आर्थिक संकटों से जूझ रही कांग्रेस को बदले राजनीतिक हालातों में फंड जुटाने में मुश्किलें आ रही हैं। धन जुटाने की दौड़ में पिछड़ रही पार्टी को एक कुशल और भरोसेमंद व्यक्ति की तलाश थी। मोतीलाल वोरा लंबे समय से इस जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते थे।
पार्टी को मोतीलाल वोरा के उत्तराधिकारी के रूप में किसी युवा चेहरे की तलाश थी, लेकिन शायद कोई इतना परिपक्व नहीं मिला। सुशील कुमार शिंदे का नाम भी कोषाध्यक्ष के लिए चला, लेकिन राहुल ने अहमद पटेल पर भरोसा जताया। मोतीलाल वोरा के पास अब महासचिव (प्रशासन) का जिम्मा है।
मीरा कुमार को सीडब्ल्यूसी में मिली जगह
राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेता और विदेश मामलों के विभाग के चेयरमैन डॉ. कर्ण सिंह की जिम्मेदारी अब राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा को सौंप दी है। वहीं लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में बतौर स्थायी आमंत्रित सदस्य जगह दी गई है।
राजस्थान से वरिष्ठ नेता सीपी जोशी से अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की जिम्मेदारी भी वापस ले ली गई है। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरो को असम को छोड़कर पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों का प्रभारी बनाया गया है। असम का जिम्मा पहले ही हरीश रावत को सौंपा जा चुका है।