नई दिल्ली। मोदी सरकार के नाक का प्रश्न बनी जीएसटी विधेयक को पारित कराने को लेकर केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने सारे घोड़े खोल दिए हैं। आने वाले मानसून सत्र में इसे किसी भी कीमत पर पास कराने के लिए वह कांग्रेस के तमाम नेताओं से मुलाकात कर समर्थन लेने का प्रयास कर रहे हैं। दरअसल कांग्रेस पूरे जीएसटी विधेयक के मसौदे का विरोध नहीं कर रही है, वह केवल उसके कुछ उपबंधो का ही विरोध कर रही है। उसके इसी विरोध के कारण कानून में सुधार से संबंधित बिल को पास करानें मे बाधा आ रही है। सूत्रों के अनुसार इस मसले को लेकर अरुण जेटली कांग्रेसी नेताओं से मिलकर उत्पन्न हो रहे गतिरोध को दूर करेंगे। कमोबेस यही हालात उपरी सदन में भी हैं। केन्द्र सरकार वहां पर छोटे क्षेत्रीय क्षत्रपों के समर्थन की उम्मीद लगाए बैठी है, लेकिन उसके पास अभी भी इसे पास कराने को लेकर बहुमत का आंकड़ा पार नहीं हो पा रहा है। जीएसटी कानून को इस साल एक अप्रैल से लागू करने की योजना थी लेकिन यह समय सीमा पूरी नहीं हो पाई। विपक्ष के प्रभुत्व वाले राज्यसभा में विधेयक को रोक दिया गया।
कैसे पास होगा जीएसटी-
जीएसटी विधेयक नई परोक्ष कर प्रणाली के जरिये 29 राज्यों को एकल बाजार में बदल देगा। जीएसटी के लिए संविधान संशोधन को संसद की मंजूरी मिलने के बाद आधे से ज्यादा राज्यों से इसकी पुष्टि करानी होगी। सरकार को जीएसटी लागू करने के लिए एक अन्य विधेयक को भी पास कराना होगा। संसद से संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और एकीकृत जीएसटी तीन और विधेयक पारित करने होंगे।