लखनऊ । यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रदेश के कुर्मी वोटों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए कुर्मी नेताओं को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दे रही है वहीं जदयू बीजेपी के इस रणनीति को लगातार कमजोर करने की कोशिश में लगी हुई है। सूत्रों के मुताबिक अपना दल की अध्यक्ष कृष्णा पटेल की नीतीश से बातचीत चल रही है। अगर नीतीश-कृष्णा की बातचीत किसी नतीजे पर पहुंची तो भाजपा के कुर्मी समाज को लामबंद करने के अभियान को तगड़ा झटका लगेगा। बेटी अनुप्रिया पटेल को केंद्र में मंत्री बनाये जाने से नाराज अपना दल की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने उनकी बेटी छीन ली है। लोकसभा इलेक्शन में कुर्मी वोटर्स को लुभाने के लिए बीजेपी ने हमारा इस्तेमाल किया। अब हमारी फैमिली तोड़ दी। बताया जा रहा है कि गुरुवार को पार्टी बीजेपी के साथ अलाइंस तोडऩे पर फैसला ले सकती है।भाजपा के लिए यह बिखराव एक बड़ी चुनौती होगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कुर्मी बिरादरी को सहेजने के लिए सरदार पटेल के नाम पर इलाहाबाद में पिछड़ा रैली, अपना दल संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती पर वाराणसी के रोहनिया में रैली और सांसद अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में शामिल कर एक मजबूत समीकरण बनाने का प्रयास किया है। इस बीच कृष्णा पटेल के सुर भाजपा विरोधी हो गए हैं। वह अपनी ताकत दिखाने के लिए वाराणसी के रोहनिया में ही एक रैली की तैयारी कर रही हैं। गुरुवार को वह लखनऊ में अपने समर्थकों की एक बैठक करने जा रही हैं। जाहिर है कि इससे भाजपा के कुर्मी समाज को एकजुट करने के अभियान को झटका लगेगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके कुर्मी समाज के ओमप्रकाश सिंह भी लंबे समय से पार्टी से खिंचे-खिंचे से नजर आ रहे हैं और अभी हाल में वह कोर ग्रुप की बैठक में भी शामिल होने नहीं आए। वैसे मंत्री संतोष गंगवार के अलावा विनय कटियार, प्रेमलता कटियार, स्वतंत्रदेव सिंह, पंकज चौधरी भी पार्टी के कुर्मी फेस हैं। सियासी समीकरणों पर नजर डालें तो नीतीश कुमार की सक्रियता उत्तर प्रदेश में लगातार बनी हुई है।