कुशीनगर जिले में साइबर अपराधी गिरोह का सनसनीखेज भंडाफोड़ हुआ है। खड्डा पुलिस, स्वाट टीम और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इस गिरोह के पास से करीब पांच करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति, नकदी, आभूषण, फर्जी दस्तावेज, वाहन, मोबाइल और नेपाल-भारत की करेंसी बरामद की गई है।
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि साइबर क्राइम के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत खड्डा थाना क्षेत्र में दबिश दी गई। इसमें रंजीत उर्फ अविनाश यादव, विनोद यादव, विवेक यादव (तीनों तुर्कहा गांव निवासी) और अमित (मथौली बाजार निवासी) को गिरफ्तार किया गया। इनसे पूछताछ में बड़ा नेटवर्क सामने आया है, जो बैंक खातों की फर्जी खरीद-फरोख्त और बिटकॉइन लेन-देन से करोड़ों कमा रहा था।
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पुलिस ने इनके पास से दो कारें (बलेनो और स्कॉर्पियो), दो बाइक, तेरह मोबाइल, नकदी (भारतीय और नेपाली), फर्जी दस्तावेज, जमीन और दुकान के कागजात, बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी जानकारी बरामद की। करीब 20 लाख रुपये के आभूषण भी इनके पास से मिले हैं। गिरोह, ऑनलाइन बैंक खाते खुलवाकर उन्हें देशभर के साइबर अपराधियों को बेचता था। फर्जी सिम और डिवाइस क्लोनिंग से वे खातों को नियंत्रित करते और धोखाधड़ी करते थे।
जांच में पता चला कि यह गिरोह टेलीग्राम ऐप के माध्यम से चाइनीज जुआ गेम कंपनियों से भी जुड़ा था। वे खाताधारकों को लालच देकर उनके कॉर्पोरेट खातों की डिटेल चुराते और उन्हें विदेशी कंपनियों को बेचते। औसतन एक खाता 4 दिन में करीब दो करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन करता, जिससे गिरोह को 6% यानी 12 लाख रुपये तक की अवैध कमाई होती थी।
यह नेटवर्क अब तक देश के कई राज्यों में फैला था और करोड़ों की संपत्ति अवैध रूप से अर्जित कर चुका था। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों पर कप्तानगंज और खड्डा थानों में भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं सहित आईटी एक्ट की धारा 66 (सी व डी) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक ने सफल कार्रवाई के लिए पुलिस टीम को ₹25,000 का नगद पुरस्कार भी दिया है।
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