नई दिल्ली। आम तौर पर लोगों का लगता है कि स्वस्थ होने का मतलब होता है कि इंसान मोटा हो, लेकिन यहां वो लोग गलत है जिसके कारण आज हमारे देश में मोटापा एक गंभीर बीमारी बन गया है, जिसकी चपेट में देश के बच्चे भी है।
लोगों को ‘हेल्दी’ और ‘फैटी’ शब्द में अंतर नहीं मालूम जिसके कारण वो गंभीर बीमारियों को जन्म दे रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत पाचनतंत्र सिंड्रोम की महामारी से गुजर रहा है।
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इसे आम भाषा में ‘सामान्य वजन मोटापा’ कहते हैं, जिसके मुताबिक तोंद निकलना, हाई ट्रिग्लिसाइड, लो कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, हाई शूगर, पुरुषों में 90 सेंटीमीटर से ज्यादा पेट वालेे और महिलाओं में 80 सेंटीमीटर ज्यादा पेट वाले इस रोग केे अंदर आते हैं।
बच्चों में मोटापे के कारण बढ़ रहे हैं रोग
- हाईपरटेंशन और हाई कोलेस्ट्रोल, जो गंभीर दिल के रोगों का कारण हैं।
- शरीर में ग्लूकोज सहनशीलता का असंतुलन और इंसुलिन प्रतिरोधात्मकता
- सांस के विकार, स्लीप एपनिया और दमा
- जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों और हड्डियों के विकार
- लीवर में सूजन और दिल की जलन
- सामाजिक हीन भावना, आत्म-विश्वास में कमी और लगातार तनाव
ध्यान देने योग्य बातें
- मोटापे से बचने के लिए हफ्ते में कम से कम एक बार कार्बोहाईड्रेट्स से परहेज करें
- मीठे आहार को कड़वे आहार से मिला कर लें जैसे आलू-मटर की जगह आलू-मेथी लें
- जैसे भी हो आधे घंटे सैर जरूर करें।
- हरी कड़वी चीजें खाएं, जैसे करेला, मेथी, पालक, भिंडी
- वनस्पति घी या ट्रांसफैट बिल्कुल न खाएं
- एक दिन में 80 एमएल से ज्याद सॉफ्ट ड्रिंक ना पिएं
- 30 प्रतिशत से ज्यादा मीठे वाली मिठाईयां ना खाएं
- मैदा, चावल और सफेद चीनी से बचें