भाजपा ने तैयार किया मिशन 2019 का गेम प्लान
पार्टी केएक शीर्ष नेता के मुताबिक अहम योजनाओं का लाभ गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले दलित, आदिवासी और अतिपिछड़ी जातियों को दिया गया है। इसमें खासतौर पर स्थानीय कार्यकर्ता की सिफारिश को महत्व दिया गया है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इन परिवारों से सीधा संपर्क और संवाद बनाए रखने के लिए कई स्तरों का तंत्र विकसित किया गया है। पार्टी ने विधानसभा चुनावों में भी ऐसे लाभार्थियों से सीधा संवाद रखा था। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद पार्टी ने इसी प्रक्रिया को लोकसभा चुनाव तक पूरी ताकत से जारी रखने की रणनीति बनाई है।
22 करोड़ परिवार और 84 नई सीटें
पार्टी मानती है कि बीते लोकसभा चुनाव में प्रभाव वाले राज्यों की ज्यादातर सीटें जीतने के कारण अगले लोकसभा चुनाव में इन राज्यों में सीटें कम हो सकती हैं। इससे निपटने के लिए पार्टी ने उन 84 सीटों को जीतने की व्यापक रणनीति तैयार की है। रणनीति की कमान खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह संभाल रहे हैं। इन सीटों में पश्चिम बंगाल की 21 और ओडिशा की 8 और पूर्वोत्तर की 90 फीसदी सीटें शामिल हैं।
शिवसेना से गठबंधन जारी रहने का विश्वास
भले ही शिवसेना ने अगला लोकसभा चुनाव अकेले लडने की घोषणा कर चुकी हो और टीडीपी ने साथ छोड़ दिया हो। मगर पार्टी का दावा है कि अगले चुनाव में उसका गठबंधन का दायरा बीते चुनाव से भी बड़ा होगा। शिवसेना की नाराजगी के संदर्भ में पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि तमाम मतभेद के बावजूद पार्टी राज्य और केंद्र की सरकार में अब भी सहयोगी है।