नई दिल्ली । कावेरी के पानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक सरकार को आदेश दिया है। कहा वह अगले आदेश तक तमिलनाडु को रोजाना 2,000 क्यूसेक पानी छोड़ना जारी रखे। साथ ही अदालत ने कर्नाटक और तमिलनाडु को अपने प्रदेश में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश भी दिए।
सोमवार को एक उच्च स्तरीय पैनल ने सुझाव दिया था कि कावेरी विवाद सुलझाने के लिए पुरानी और अवैज्ञानिक वॉटर ऐप्लिकेशन तकनीक को खत्म किया जाए। पैनल ने कहा था कि कर्नाटक और तमिलनाडु में पानी की कमी है जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है और लोगों को आर्थिक दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कावेरी बेसिन के जमीनी हालात जानने के मकसद से बनाई गई सूपरवाइजरी कमिटी ने कहा है कि दोनों पड़ोसी राज्यों को एक दूसरे की सिंचाई की जरूरतों और विकास की महत्वाकांक्षा की कद्र करनी चाहिए और अपने प्रदेश के लोगों को उसी हिसाब से शिक्षित करना चाहिए।
9 सदस्यीय समिति ने अपनी 40 पेज की रिपोर्ट में पाया है कि दोनों राज्यों के किसान गहरी विपत्ति से जूझ रहे हैं और उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए।
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