कर्नाटक में सरकार गठन के लिए कांग्रेस और जनता दल (एस) के बीच 30 महीने का पावर शेयरिंग फॉर्मूला तय होने की अफवाहों के बीच एचडी कुमारस्वामी सोमवार को दिल्ली पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने जा रहे कुमारस्वामी अपने दिल्ली दौरे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उनसे सरकार गठन की प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे और उन्हें शपथ ग्रहण समारोह का न्योता देंगे।
मुलाकात में मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर चर्चा होगी। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस राज्य की 33 सदस्यों वाली कैबिनेट में अपने पास 20 मंत्रालय रखेगी। हालांकि 20 सीटों के बावजूद कांग्रेस का कैबिनेट में प्रतिनिधित्व कम ही रहेगा। कांग्रेस के पास राज्य की 68 सीटें हैं जबकि जेडीएस के पास 37 विधायक हैं। मुख्यमंत्री पद के अलावा जेडीएस अपने पास महत्वपूर्ण मंत्रालय जैसे कि वित्त, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग को रखना चाहता है। कांग्रेस के महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘बुधवार को अकेले कुमारस्वामी मुख्यमंत्री पद के तौर पर शपथ लेंगे। इसके बाद गुरुवार को फ्लोर टेस्ट होगा। उसी दिन स्पीकर का चुनाव भी होगा।’
लिंगायतों की मांग है कि उन्हें उप-मुख्यमंत्री का पद दिया जाए। कांग्रेस में सबसे ज्यादा 16 लिंगायत विधायक है। वहीं जेडीएस के पास चार हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने जेडीएस को बिना शर्त समर्थन दिया है। इसी वजह से वह गठबंधन को बनाए रखने के लिए कोई मांग नहीं करेगी। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने निर्णय ले लिया है कि वह डिप्टी सीएम का पद दलित को देगी। इसके लिए परमेश्वर उनकी पहली पसंद हैं। ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि कर्नाटक में दो डिप्टी सीएम बन सकते हैं। एक कांग्रेस पार्टी से होगा तो दूसरा जेडीएस से।
हालांकि रविवार को कुमारस्वामी ने पावर शेयरिंग फॉर्मूले की खबरों को बकवास करार देकर अफवाहों को खत्म करने की भी कोशिश की। दरअसल मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट में 12 मई को मतगणना के बाद हुए समझौते में कांग्रेस और जेडी (एस) के बीच बारी-बारी से 30-30 महीने सत्ता संभालने पर सहमति बनने का दावा किया गया था। लेकिन कुमारस्वामी ने रविवार को इसे बकवास बताते हुए ऐसी कोई वार्ता नहीं होने की बात कही। उन्होंने कहा, मैं कल (सोमवार को) दिल्ली जा रहा हूं। जहां मैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से मिलूंगा। उनसे चर्चा के बाद इस बात का निर्णय होगा कि कितने कांग्रेसी और कितने जेडी (एस) विधायक मंत्री बनेंगे।
बता दें कि भाजपा के पास आवश्यक संख्या पूरी नहीं होने के कारण उनके मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा में बिना फ्लोर टेस्ट का सामना किए ही इस्तीफा दे दिया था,। इसके बाद कुमारस्वामी ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलने के बाद दावा किया था कि उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है।
24 घंटे में बहुमत साबित करने का दावा
2006 में भाजपा-जेडी (एस) में बना था पावर शेयरिंग फॉर्मूला
मीडिया में आई रिपोर्ट में कांग्रेस और जेडी (एस) के बीच वैसा ही फॉर्मूला तय होने का दावा किया गया था, जैसा वर्ष 2006 में भाजपा-जेडी (एस) गठबंधन के बीच तय हुआ था। तब भाजपा ने कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया था, जिन्हें 20 महीने बाद सत्ता भाजपा के उपमुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को सौंप देनी थी। लेकिन तब अपना 20 महीने का समय पूरा होने पर कुमारस्वामी ने इस्तीफे से इंकार कर दिया था। इस कारण भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया था और सरकार गिर गई थी।
24 घंटे में बहुमत साबित करने का दावा
कुमारस्वामी ने रविवार को ये भी दावा किया वे शपथ लेने के 24 घंटे के अंदर अपना बहुमत विधानसभा के अंदर साबित कर देंगे। उन्होंने कहा, संभवत: बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसके बाद बृहस्पतिवार को हम स्पीकर चयनित करने के साथ ही बहुमत साबित करने की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे।
कांतिवीरा स्टेडियम नहीं अब विधानसभा में ही लेंगे शपथ
राज्यपाल से मुलाकात के बाद कुमारस्वामी ने शनिवार को घोषणा की थी कि वे 21 मई यानी सोमवार को कांतिवीरा स्टेडियम में दोपहर 12 से 1.50 बजे के बीच शपथ ग्रहण करेंगे। लेकिन बाद में उन्होंने घोषणा की थी कि शपथ ग्रहण कार्यक्रम 23 मई को आयोजित किया जाएगा। इस बदलाव के लिए उन्होंने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि होने का हवाला दिया था। शपथ ग्रहण के दिन में बदलाव के बाद अब स्थान को भी बदलकर विधानसभा के अंदर अपनी सीट पर ही शपथ लिए जाने की बात कही गई है। हालांकि कुमारस्वामी ने रविवार को कहा कि वे मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने के बाद ही शपथ ग्रहण स्थल पर निर्णय लेंगे।
अपने पिता पूर्व पीएम देवेगौड़ा से मिले
कुमारस्वामी रविवार को अपने पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा से भी उनके आवास पर मिलने पहुंचे। इसके बाद वे उस होटल में भी गए, जहां जेडी (एस) के विधायक ठहरे हुए हैं और उनके साथ वहां बैठक भी की। इसके बाद वे देर शाम पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के श्रीरंगम में एक मंदिर जाने के लिए रवाना हो गए।
बाकी दो सीटों पर चुनाव के लिए नहीं मतभेद
चुनाव के दौरान बाकी रह गईं दो विधानसभा सीटों राजराजेश्वरी नगर और जयानगर पर कांग्रेस के साथ बहस की मीडिया रिपोर्ट को भी जेडी (एस) नेता कुमारस्वामी ने बोगस बताया है। उन्होंने कहा, ये एक बोगस न्यूज है। इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है। राजराजेश्वरी नगर और जयानगर सीटों को जीतना बेहद जरूरी है। अभी तक ऐसी चर्चा नहीं हुई है। बता दें कि राजराजेश्वरी नगर विधानसभा की मतदान सूची में घपले के आरोपों पर वहां चुनाव स्थगित कर दिया गया था, जबकि जयानगर सीट से खड़े भाजपा उम्मीदवार के निधन के बाद वहां चुनाव रद्द कर दिया गया था।