क्या आपने कभी अपनी शरीर की बनावट पर गौर किया है? अगर नहीं तो अब कर लीजिए क्योंकि यह केवल आपकी पर्सनैलिटी ही नहीं बल्कि सेहत से भी जुड़ा हुआ है.
एक नई स्टडी के मुताबिक, अगर आपके शरीर का आकार सेब की तरह है यानी आपके कमर के ऊपरी हिस्से में फैट ज्यादा है तो आपको ब्रेन से जुड़ीं बीमारियां हो सकती हैं
यह स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया ने की है.वहीं, पीयर या नाशपाती आकार के शरीर वाले लोगों को यह खतरा कम होता है. पीयर शेप से मतलब है- जिन लोगों के शरीर में हिप, थाई में फैट ऊपरी हिस्से की तुलना में ज्यादा होता है
शोधकर्ताओं के मुताबिक, पेट पर जमा होने वाले फैट से दिमाग में सूजन का खतरा सबसे ज्यादा पुरुषों को होता है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान पेट के आस-पास फैट जमा हो जाता है जो किसी तरह का खतरा पैदा नहीं करता. लेकिन महिलाओं का वजन आमतौर पर भी तेजी से बढ़ रहा है तो उनमें भी यह खतरा बढ़ जाता है.
शोध में कहा गया कि महिलाओं में पैदा होने वाला एक हार्मोन उनमें फैट को पेट के आस-पास जमा नहीं होने देता है. मेनोपॉज के बाद ये हार्मोन कम हो जाता है जिस कारण महिलाओं में ये फैट बढ़ने लगता है और बढ़ते हुए ऊपर की ओर आ जाता है. इससे उनके शरीर का आकार सेब जैसा हो जाता है. ऐसी महिलाओं में भी दिमाग की सूजन का खतरा होने लगता है.
शुरुआत में हुई कई स्टडीज में कहा गया कि सेब के आकार वाले लोगों में हृदय संबंधी रोग और डायबिटीज होने की आशंका ज्यादा होती है. लेकिन कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पाया गया कि आपके शरीर का आकार चाहे जो हो, लेकिन अगर आपका वजन ज्यादा है तो वो खतरनाक है.
स्टडी के लेखक प्रोफेसर डुजुर्दिका कॉस ने कहा, मेरी सलाह यही है कि अपनी डाइट और अपने बॉडी वेट पर नजर रखिए खासकर अपने पेट पर जमा होने वाले फैट पर.रिसर्चरों ने मेल चूहे पर स्टडी की थी. इंसानों की तरह मेल चूहों में भी फैट पेट पर ज्यादा जमा (ऐपल शेप) होता है.
जबकि फीमेल चूहे में महिलाओं की तरह फैट शरीर के निचले हिस्से में ज्यादा पाया गया.स्टडी में कुछ चूहों को हाई फैट डाइट पर रखा गया जबकि कुछ को मानकों के मुताबिक खिलाया गया.
इसके बाद सभी चूहों के ब्लड सैंपल को इकठ्ठा किया गया जिससे पता किया जा सके कि उनकी डाइट का उनके हार्मोन स्तर पर क्या असर पड़ा है.
नतीजों में पाया गया कि मोटे मेल चूहों में फैट एबडोमेन पर जमा हुआ था जिससे उनके शरीर का आकार ऐपल की तरह दिख रहा था. इन चूहों के दिमाग में इन्फ्लेमेशन का स्तर भी ज्यादा पाया गया.
वहीं, फीमेल चूहों में फैट उनकी स्किन के नीचे फैट जमा हुआ और उनका इन्फेल्मेशन का रिस्क भी कम था. प्रोफेसर कॉस ने कहा, हम जानते हैं कि एब्डोमिनल फैट इन्फ्लेमेशन के लिए ज्यादा जिम्मेदार होता