हलिया (मिर्ज़ापुर)। भीषण गर्मी के बीच पेयजल संकट ने हलिया विकासखंड के पठारी इलाकों में लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है। क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों में अब टैंकरों के सहारे पानी की आपूर्ति की जा रही है। तालाब पूरी तरह सूख चुके हैं, यहां तक कि बच्चों ने अब सूखे तल में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया है।
ग्राम पंचायत कोटार के हरसड़ स्थित मुर्दहवा तालाब समेत दर्जनभर तालाबों में अब पानी नहीं बचा। धूल उड़ रही है और प्यासे जानवर भी इधर-उधर भटकते देखे जा सकते हैं। पानी की यह किल्लत सिर्फ तालाबों तक ही सीमित नहीं है, हैंडपंपों और कुओं का जलस्तर भी लगातार नीचे गिर रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक तालाबों में पानी नहीं भरेगा, हैंडपंपों और कूपों का स्तर नहीं सुधरेगा। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि सूखी नहरों को चालू कर तालाबों को भरवाया जाए। साथ ही कूपों की सफाई की मांग भी उठाई जा रही है।
गांव-गांव पहुंच रहा टैंकर
पटपरा, बेलाही, मतवार, नदना, पिपरा, मनिगढ़ा, थोथा, बैधा, देवरी, गोरगी, गौरवा समेत दो दर्जन गांवों में टैंकर से पानी पहुंचाया जा रहा है। बीडीओ विजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि समस्या की गंभीरता को देखते हुए हैंडपंपों का रिबोर कराया जा रहा है। साथ ही सभी ग्राम सचिवों व प्रधानों को निर्देश दिए गए हैं कि जब तक हालात सामान्य नहीं होते, टैंकरों के जरिए नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए।
बिजली ने बढ़ाई मुश्किल
पेयजल संकट के साथ बिजली की आपूर्ति ने भी हालात बिगाड़ दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रात 9 बजे से सुबह 8 बजे तक ही बिजली दी जा रही है, जबकि दिन में मात्र दो घंटे की आपूर्ति हो पा रही है। तेज गर्मी और उमस ने लोगों का घर के भीतर रहना मुश्किल कर दिया है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि हालात को गंभीरता से लेते हुए पानी और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि भीषण गर्मी में लोगों को राहत मिल सके।