नीट 2018 और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटर परीक्षा की टॉपर शिवहर की कल्पना कुमारी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा 2018 में 72वां रैंक मिला है। एम्स ने 2018 के लिए आयोजित एमबीबीएस नामांकन जांच परीक्षा का परिणाम सोमवार को जारी कर दिया। परीक्षा में 2649 छात्रों को सफलता मिली है। पिछले वर्ष 4905 छात्र सफल हुए थे।
नीट 2018 में आल इंडिया 621 वीं रैंक हासिल करने वाले पटना के सगुना मोड़ निवासी अनीश कुमार को 146 वीं रैंक मिली है। खाजपुरा निवासी आशीष वैभव की 193 वीं रैंक है। उसकी नीट में 291 वीं रैंक थी। इस वर्ष एम्स के नौ संस्थानों में नामांकन लिया जाएगा।
पिछले वर्ष सात संस्थानों में नामांकन लिया गया था। चार छात्रों को 100 परसेंटाइल मिला है। चारों को टॉपर घोषित किया गया। सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 98.83, ओबीसी (एनसीएल) छात्रों के लिए 97.01 परसेंटाइल और एससी-एसटी वर्ग के छात्रों के लिए 93.65 परसेंटाइल कट ऑफ तय की गई है।
अररिया के अब्दुर्रहमान को मिला छठा रैंक
अररिया जिले के रामपुर कोदरकट्टी गांव के सपूत अब्दुरर्हमान ने एम्स की परीक्षा में छठा रैंक प्राप्त किया है। नीट परीक्षा, 2018 में भी अब्दुरर्हमान को 218 वीं रैंक मिली है।
रहमान ने बताया कि यह कामयाबी उनके दादा मो.एनुअल हक को समर्पित है। रहमान की सफलता से दादा ऐनुल हक, पिता प्रोफेसर असरारूल हक, मां प्रोफेसर गुलफिशां, चाचा मुजाहिद आलम सहित पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। पिता प्रोफेसर असरारूल हक ने बताया कि रहमान बचपन से परिश्रमी हैं। मेहनत तो सभी करते हैं लेकिन यह तो ऊपरवाले की दुआ है जो उनके इकलौते बेटे को शानदार कामयाबी मिली।
फाजिल मोहसिन को एम्स प्रवेश परीक्षा में 19वीं रैंक
मुजफ्फरपुर जिले के मुहम्मदपुर मुबारकपुर गांव के सैयद फाजिल मोहसिन ने एम्स (ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) प्रवेश परीक्षा में परचम लहराया है। वह ऑल इंडिया में 19वीं रैंक पर है। एम्स के अलावा जेआइपीएमइआर (जवाहर लाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) में उसे ऑल इंडिया में 10वीं रैंक मिली है। वहीं जेईई मेंस में ऑल इंडिया रैंक 3 हजार 822 और नीट में 648 रैंक हासिल कर शहर का नाम रोशन किया है।
अपनी मेहनत व लगन से उसे यह सफलता मिली है। वह अपनी सफलता से पूरी तरह खुश है। मोहसिन ने होली मिशन सीनियर सेकेण्डरी स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। जब वह सातवीं कक्षा में पढ़ रहा थे तो उनके पिता का देहांत हो गया था। इस वजह से थोड़ी कठिनाई हुई। लेकिन परिवार के सदस्यों की वजह से कठिनाइयां दूर होती चली गई।
चाचा सैयद मुजफ्फर रजा ने उनकी पढ़ाई लिखाई में कोई कमी नहीं होने दी। मोहसिन ने अपनी सफलता का श्रेय पिता सैयद मेहदी रजा, मां रिफत वसिया के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों को देते हुए कहा कि उनके पिता गरीबों की हर संभव मदद करते थे। वे अपने पिता के सिद्धांतों पर जीना चाहता है। चिकित्सा के माध्यम से देश की सेवा करना चाहते हैं।