लंदन।
एक अध्ययन के अनुसार कार्यस्थल के गंदे फर्श, फटी-पुरानी कालीन, गंदे और बदबूदार शौचालय तथा बिखरी रसोई कई कर्मचारियों के बीमार होने की वजह रही है। ‘डेली मेल’में प्रकाशित इस रिपोर्ट के शोधकर्ताओं ने कार्यालयों, दुकानों, कारखानों, गोदामों और इमारतों का निरीक्षण किया और साथ ही कर्मचारियों से वहां की साफ सफाई के बारे में बातचीत की। उन्होंने पाया कि 69 प्रतिशत लोगों ने अपने कार्यस्थल को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया और कुछ ने तो अपने साथी कर्मचारियों के भी गंदे रहने की शिकायत की। एक तिहाई से ज्यादा लोगों ने कहा कि वे अपने कार्यस्थल पर फैली गंदगी के कारण बीमार पड़े । इनमें से 18 प्रतिशत ने बताया कि गंदगी के कारण उन्हें अनपच की शिकायत हो गई या पेट का संक्रमण हो गया। दस में से करीब चार लोग कार्यस्थल पर चोटिल हुए और दस में से पांच लोग कार्यस्थल पर चोट लगने या बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती हुए। एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों पर किए गए अध्ययन के दौरान कार्यस्थल की टूटी हुई कुर्सियों और असुरक्षित बिजली के नंगे तारों के जगह- जगह होने की भी शिकायतें मिली। इन शिकायतों को लेकर करीब आधे से अधिक कर्मचारी अपने प्रबंधक से मिले लेकिन इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। अध्ययन के अनुसार करीब 29 प्रतिशत दुर्घटनाओं में कर्मचारियों को हल्की चोटें आई, जिनमें हड्डी टूटना या फ्रैक्चर शामिल है। करीब 27 प्रतिशत लोगों को कटने से चोट लगी और 20 फीसदी लोगों की मांसपेशियों में खिचाव हुआ। गंभीर दुर्घटनाओं में 9 फीसदी लोगों की हड्डी या जोड़ उखड़ गए और 6 फीसदी कार्मिकों को चोट के कारण शरीर का कोई अंग भी गंवाना पड़ा। साथ ही 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कार्यस्थल पर हुई दुर्घटना में उनकी कोई गलती नहीं थी जबकि 18 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि दुर्घटना उनकी गलती की वजह से हुई।
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