नई दिल्ली। दिल्ली में मंगलवार को हुई दूसरी वॉटर इनोवेशन सम्मिट में देश के जलस्त्रोतों के बेहतर प्रबंधन को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई। स्थानीय स्तर पर प्रशासन एवं संस्थाओं के बीच जल प्रबंधन को लेकर बेहतर तालमेल पर बात हुई। साथ ही जल प्रबंधन को लेकर एक एकीकृत डेटा शेयरिंग सिस्टम बनाने की आवश्यकता पर भी विचार हुआ।
जलस्त्रोतों के गुणात्मक प्रबंधन अधिक महत्वपूर्ण –
सम्मिट के दौरान भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर के डॉ. अनिल काकोदकर ने कहा कि हमें जलस्त्रोतों के गुणात्मक प्रबंधन पर ध्यान देना होगा। अब जलस्त्रोतों की रियल टाइम मॉनिटरिंग करने का वक्त आ गया है। साथ ही जल-प्रबंधन के प्रयासों को विकेंद्रीकृत करना होगा और इसके लिए पूरे देश में एक एकीकृत डेटा शेयरिंग सिस्टम बनाना होगा। सम्मिट में मौजूद विषय विशेषज्ञों का मानना था कि जल प्रबंधन के लिए अब उद्योग जगत और सरकार के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना होगा। साथ ही सरकारी तंत्र के जमीनी स्तर के कर्मचारियों से जल प्रबंधन को लेकर स्थापित लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करना होगा।
सात कंपनियों को मिला सम्मान –
सम्मिट में 7 कंपनियों को जल प्रबंधन के क्षेत्र में किए कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र के वालुज के लिए बजाज ऑटो को, महाराष्ट्र के शिरवाल के लिए गोदरेज एंड बॉयेंस को, पंजाब के बरनाला के लिए त्रिवेणी लिमिटेड को, महाराष्ट्र के ही नासिक के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा को अवार्ड दिए गए। वहीं लुपिन लिमिटेड, गेल इंडिया और आईटीसी को महाराष्ट्र, मप्र और राजस्थान में अपने जल प्रबंधन कामों के लिए पुरस्कृत किया गया।