उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्यपाल बनाने का श्रेय देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें विश्वास के साथ जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे वे दायित्व के साथ पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल बनने के बाद दलीय संबंध समाप्त हो जाएंगे, पर वे साथियों से तो अलग नहीं हो सकते हैं।
टंडन ने बताया कि वह बुधवार को बिहार जाएंगे और बृहस्पतिवार को राजभवन में राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण करेंगे। इसके बाद अटलजी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वापस लखनऊ आएंगे। उन्होंने कहा कि काश आज अटलजी जीवित होते तो यह खबर सुनकर वह मुझसे ज्यादा खुश होते पर दुख है कि इस खुशी में वह हमारे बीच नहीं हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टंडन को ये दायित्व देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का आभार जताया। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने हजरतगंज स्थित उनके आवास पर पहुंचकर बधाई और शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने टंडन को मिठाई खिलाई तो टंडन ने भी लड्डू खिलाकर उनका मुंह मीठा कराया। वहीं पर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने दही-बड़े की दावत भी की। मुख्यमंत्री ने बातचीत में कहा कि लालजी टंडन का वरिष्ठ भाजपा नेता के तौर पर मार्गदर्शन मिलता रहा है। टंडन अटल जी के भी विश्वसनीय रहे हैं। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, लखनऊ भाजपा जिलाध्यक्ष रामनिवास यादव मौजूद थे।