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बोर्ड अौर निगमों के चेयरमैन की नियुक्तियों से पहले ही विवाद शुरू

पंजाब सरकार अब बोर्ड-निगम के चेयरमैन नियुक्त करने की तैयारी में है, लेकिन इससे पहले ही विवाद व खींचतान शुरू हो गई है। गिद्दड़बाहा से कांग्रेस विधायक व यूथ कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग ने अब यह मांग रख दी है कि विधायकों व हारे हुए प्रत्याशियों को बोर्ड-निगमों के चेयरमैन की जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए।

कांग्रेस विधायक वडि़ंग ने कहा- विधायकों व हारे हुए प्रत्याशियों को न दी जाए जिम्मेदारी

गौरतलब है कि सरकार पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल को किसी बोर्ड का चेयरपर्सन नियुक्त करने की तैयारी में है। ऐसे में वडि़ंग ने इशारे-इशारे में अपना विरोध दर्ज करवा दिया है। इससे पहले वडिंग ने राज्‍य महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी की नियुक्ति पर भी सवाल खड़े किए थे। इसमें उनका कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भी साथ दिया था।

वडि़ंग ने अपनी फेसबुक वॉल पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि बोर्ड-निगमों का चेयरमैन बनने का अधिकार सबसे पहले ब्लॉक या जिला स्तर के उन कार्यकर्ताओं का है, जो पार्टी के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि चेयरमैन की कुर्सी विधायक या हारे हुए प्रत्याशी को नहीं न दी जाए। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी पैदा होती है।

लाल सिंह व समरा को मिल चुकी है कुर्सी

पंजाब सरकार पहले ही अपने दो वरिष्ठ नेताओं व पूर्व मंत्रियों लाल सिंह को मंडी बोर्ड और अमरजीत सिंह समरा को मार्कफेड का चेयरमैन नियुक्त कर चुकी है। अब पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल को भी चेयरपर्सन नियुक्त करने की तैयारी चल रही है। चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वादा किया था कि बोर्ड अौर निगमों का चेयरमैन बनाने में उसे पहल दी जाएगी, जो कांग्रेस प्रत्याशी के हक में चुनाव मैदान से हट जाएगा। वहीं, उन्होंने किसी भी विधायक व हारे हुए प्रत्याशी को भी चेयरमैन नियुक्त न करने की बात कही थी। इसी नीति पर चलते हुए कैप्टन ने लाल सिंह और अमरजीत सिंह समरा को चेयरमैन बनाया था।

कई विधायक नाराज

कैबिनेट विस्तार का काम पूरा होने के बाद पंजाब सरकार बोर्ड और निगमों में चेयरमैन नियुक्त करने की तैयारी में है। तकरीबन आधा दर्जन विधायक सरकार से अपनी नाराजगी दिखा कर बड़े बोर्ड-निगमों की मांग कर रहे हैं। इसमें से करीब तीन विधायकों की बात लगभग फाइनल भी हो गई है।

ऐसे में राजा वडि़ंग ने मुद्दा उठा कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। क्योंकि वे भी कैबिनेट मंत्री बनने के दौड़ में शामिल थे। वहीं, महिला आयोग की चेयरपर्सन की नियुक्ति पर उठे सवाल के बाद सरकार ने अन्य विभागों में चेयरमैन और सीनियर वाइस चेयरमैन की नियुक्ति को टाल दिया है।

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