Friday , April 26 2024

रजत जयंती के अवसर पर सेक्यूलर दलों का सियासी मंथन

ami-sapaलखनऊ । उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) शनिवार को अपना रजत जयंती मना रही है। इस अवसर पर राजधानी लखनऊ में देश भर के समाजवादी दिग्गजों का जमावड़ा हो रहा है। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव इस समारोह के बहाने बिहार की तर्ज पर उप्र विधानसभा चुनाव के लिए भी महागठबंधन बनाने की फिराक में हैं।

सपा के इस मेगा शो में भाग लेने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और वरिष्ठ वकील व राजनेता राम जेठमलानी शुक्रवार देर रात ही लखनऊ पहुंच गये। देवगौड़ा और लालू ने तो पहुंचते ही महागठबंधन की कवायद पर मोहर लगा दी। लालू ने कहा कि हम सब मिलकर बिहार की तरह यहां से भी भाजपा को भगा देंगे।

दरअसल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी विकास रथ यात्रा में युवाओं का सफल प्रदर्शन और जोश देखने के बाद पार्टी रजत जयंती समारोह के माध्यम से सेक्यूलर दलों को एक मंच पर लाना चाहती है। सपा नेतृत्व ने इसके लिए कई दलों के राष्ट्रीय नेताओं को आमंत्रित भी किया है। मुलायम की कोशिश है कि सभी समाजवादी पार्टियों को एक छतरी के नीचे लाया जाए और उप्र के चुनाव में भाजपा के खिलाफ मजबूत गठजोड़ पेश किया जाए। सूत्र बता रहे हैं कि इन दलों के नेता सपा के आंतरिक घमासान शांत होने के इंतजार में हैं। बताया जा रहा है कि ज्यादातर नेता चाहते हैं कि सपा पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को औपचारिक तौर पर गठबंधन का नेता तय कर दे, तभी गठजोड़ करना उचित होगा।

शायद इसीलिए जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सपा के इस रजत जयंती कार्यक्रम में नहीं शामिल हो रहे हैं। अपने दल के प्रतिनिधि के रुप में वह शरद यादव को भेज रहे हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो सपा मुखिया मुलायम ने स्वयं नीतीश कुमार को फोन कर समारोह में आने का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने किसी और कार्यक्रम में व्यस्त होने का बहाना कर दिया। सूत्रों का कहना है कि नीतीश उत्तर प्रदेश में तभी महागठबंधन चाहते हैं जब सपा और बसपा दोनों उसमें शामिल हों। वैसे भी वह मुलायम के साथ अब गठबंधन करने से परहेज कर रहे हैं। दरअसल बिहार चुनाव के दौरान वहां भी महागठबंधन बना था, लेकिन चुनाव के ऐन वक्त पर मुलायम ने ही गठबंधन से अपने को अलग कर लिया था।

फिलहाल राजधानी स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में रजत जयंती समारोह की तैयारियां पूरी हैं। सुबह से ही वहां पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटने लगी है। सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। समाचार लिखे जाने तक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत सपा के कई वरिष्ठ नेता कार्यक्रम स्थल पर पहुंच चुके थे। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि सपा नेतृत्व ने पार्टी से बर्खास्त नेताओं का जयंती समारोह में आना प्रतिबंधित कर दिया है। ऐसे में सियासी समीक्षकों का मानना है कि पार्टी के इस रुख से सपा में चल रहे आंतरिक विवाद को और बल मिल सकता है।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com