इंटरनैट का रोजाना इस्तेमाल करने वालों के लिए तो वायरलेस तकनीक काफी सुविधा लेकर आई है। वायरलेस या वाई-फाई टैक्नोलॉजी यानी बिना तारों के ही घर, ऑफिस या बाहर इंटरनैट से जुड़ा जा सकता है। लेकिन वायरलेस उपकरण जैसे लेपटॉप, टेबलेट, मोबाइल फोन्स आदि (इलैक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स्ज) विद्युत चुम्बकीय तरंगों के उत्सर्जन से जुड़े होते हैं जो हमारी सेहत पर बहुत बुरा असर डालती हैं। लंबे समय तक वाई फाई तकनीक का इस्तेमाल करने और रेडियो तरंगो से विकिरण के प्रभाव से हमारा स्वास्थय बिगड़ सकता है। वाई फाई का इस्तेमाल दिल-दिमाग और खासकर बच्चों पर बुरा असर डाल रहा है। यह कैंसर सहित और भी बहुत सारी खतरनाक बीमारियों को न्यौता देता है। इससे निकलने वाले किरणें रेडिएशन कैंसर के साथ और भी कई दर्जनों बीमारियों की वजह बन रही है।
*कितने खरतनाक है ये वायरलेस उपकरण- सोचने की क्षमता में कमी- नींद ना आना या डिप्रैशन- हाई ब्लड प्रैशर और हार्ट अटैक- लगातार सिरदर्द और कान दर्द- कैंसर का कारण- डीएनए में और स्पर्म में बदलाव- थकान
*महिलाओं और बच्चों पर असर-
पुरुषों की अपेक्षा, महिलाओं और बच्चों पर इसका ज्यादा बुरा असर पड़ता है। महिलाओं की प्रैग्नेंसी की दिक्कत होती है। साथ ही भ्रूण विकसित नहीं हो पाता। इससे महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका भी रहती है। इससे बच्चों की कोशिकाओं और दिमाग का विकास रूक जाता है।
*कैसे करें बचाव
इन टैक्नोलॉजी के बिना कहीं ना कहीं हमारा जीवन अधूरा है। इन सबका इस्तेमाल हम पूरी तरह से तो बंद कर नहीं सकते लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखकर हम इन समस्याओं का हल निकाल सकते हैं। यहीं सावधानियां हमारी सेहत पर होने वाले बुरे प्रभाव से बचाए रखेंगी।
– डे-केयर सेंटर, क्रच, किंडर गार्डन, बच्चों के अस्पताल में वाई-फाई पर रोक होनी चाहिए। – प्राइमरी स्कूलों में भी सिर्फ कंम्प्यूटर लैब में ही वाई-फाई का इस्तेमाल हो।- बैडरूम और किचन जैसी जगहों पर वायरलैस उपकरणों का इस्तेमाल ना करें। यह खतरनाक हो सकता है। – घर में छोटे बच्चे हैं तो ज्यादा सावधानी बरतें। वाई-फाई का इस्तेमाल नहीं कर रहे तो उसे बंद करके रखें।- घर पर जितना हो सके, केबल फोन का इस्तेमाल करें। – लंबे समय तक इन उपकरणों के संपर्क में ना रहे। – रात को सोते समय मोबाइल फोन या लेपटॉप साथ ना रखें।