वास्तुशास्त्र के अनुसार जिस घर में पारिवारिक सदस्य एक छत के नीचे रहकर भी साथ नहीं होते, अपार धन कमाने पर भी संचय न कर पाते हों, आए दिन कोई न कोई बीमारी घेरे रहती हो, ऐसी समस्या का कारण वास्तुदोष भी हो सकता है।
घर का मेन गेट अन्य दरवाजों से बड़ा होना चाहिए अन्यथा धन संबंधी समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है। सुबह उठकर सबसे पहले पर्दे हटाएं और घर की सारी खिड़कियां खोल दें, ऐसा करने से घर में सकारात्मक उर्जा प्रवेश करती है। जो लोग ऐसा नहीं करते उस घर के सदस्य अकसर बिमारियों से घिरे रहते हैं।
घर का मुख्यद्वार सुंदर, सुसज्जित एवं भव्य होना चाहिए। ऐसा प्रवेश द्वार सुख-समृद्धि, प्रसन्नता प्रदान करता है। यदि द्वार पर बहुत अच्छी नक्काशी की गई हो या उसे सजाया गया हो तो यह बहुत शुभ एवं पवित्र होता है। कई घरों के आगे हाथी, मछली, झण्डा, रथ, शंक आदि के चिह्न बने होते हैं। यह सब शुभ होते हैं। तलवार, चाकू, भाले कभी भी मुख्य द्वार पर न लगाएं। इससे परिवार के सदस्यों में मतभेद बढ़ते हैं।
जो लोग अपने घर में पुराने दरवाजे, खिड़कियां, ग्रिल लगाते हैं, वहां आय की कमी रहती है। आय हो भी जाए तो बरकत नहीं रह पाती। किचन को साफ-सुथरा व व्यवस्थित रखें, गंदगी न फैला कर रखें।
बैड रूम में वॉश बेसिन न लगाएं, वैवाहिक जीवन में प्रेम और विश्वास नहीं बन पाता। आए दिन रिश्तों में कलह रहती है। शयन कक्ष में बाहरी लोगों को न लेकर आएं, आपसी संबंधों में दरार आती है। किसी भी रूम का दरवाजा काले रंग का नहीं होना चाहिए। इससे पति-पत्नी के संबंधों में दरार आती है।