कोलकाता: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियां शुरू कर दी हैं. हाल ही में दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कई राज्यों की कार्यकारिणी की बैठकें हो रही हैं. हालांकि अभी तक महागठबंधन की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. बसपा, सपा और कांग्रेस के बीच अभी तक कोई औपचारिक बातचीत शुरू नहीं हुई है. अगर महागठबंधन बनने में कामयाब रहा तो बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश में मुश्किल हो सकती है. ऐसे में बीजेपी ने इसकी भरपाई अन्य राज्यों से करने की रणनीति बनाई है. पार्टी ने पश्चिम बंगाल समेत नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों पर फोकस करने की रणनीति बनाई है. इसके अलावा ओडिशा, तेलंगाना से भी पार्टी को उम्मीदें हैं.
पश्चिम बंगाल में 25 सीटें जीतने का लक्ष्य
बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी ने 2019 में आम चुनाव में 25 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. इतना ही नहीं, पार्टी ने 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में ममता सरकार को उखाड़कर फेंकने और सत्ता में कबिज होने का लक्ष्य तय किया है. बीजेपी वाम दलों और कांग्रेस को पछाड़कर पश्चिम बंगाल में पहले ही मुख्य विपक्षी दल बन चुकी है. 2014 के चुनाव में बीजेपी को पश्चिम बंगाल में 2 सीटें मिली थीं. ये दो सीटें उसे आसनसोल और दार्जलिंग की मिली थीं. बीजेपी ने पंचायत चुनाव में बढ़िया प्रदर्शन किया था. उत्तर बंगाल, दक्षिण बंगाल और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पार्टी का प्रभाव बढ़ा है.
इन सीटों पर है बीजेपी की नजर
अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी की नजर उत्तर बंगाल की बालुरघाट, कूच बिहार, अलीपुर द्वार, जलपाईगुड़ी और मालदा उत्तर पर है. इसके अलावा दक्षिण बंगाल की पुरुलिया, झारग्राम, मेदिनीपुर, कृष्णानगर, हावड़ा पर भी बीजेपी जीत की उम्मीद लगाए है. पुरुलिया, झारग्राम, पश्चिमी मिदनापुर, बेंकुरा और उत्तर बंगाल के जिले जैसे जलपाईगुड़ी, उत्तर दिनापुर या मुस्लिम बहुल क्षेत्र मालदा के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बीजेपी की पकड़ मजबूत हुई है.
ओडिशा में बीजेडी को चुनौती दे सकती है बीजेपी
ओडिशा में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ ही हो सकते हैं. ओडिशा में कांग्रेस को पीछे छोड़कर बीजेपी मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में उभरी है. पंचायत चुनाव में पार्टी ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की थी. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने एक सीट सुंदरगढ़ को जीता था. इस बार पार्टी की नजर इस आंकड़े को दहाई तक पहुंचाना है. उधर, विधानसभा चुनाव के लिए भी बीजेपी ने 147 में से 120 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. देखना है कि पार्टी को इसमें कितनी सफलता मिलती है.