लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने GCAP वर्ल्ड सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर “स्कॉलर प्लैनेट ऐप” का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, गोमती नगर में आयोजित किया गया। यह ऐप छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक समग्र डिजिटल प्लेटफार्म प्रदान करता है, जिसका उद्देश्य शैक्षिक अनुभवों को आधुनिक और सुलभ बनाना है।
ऐप का महत्व
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस ऐप को माध्यमिक शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सरकारी माध्यमिक विद्यालय में आधुनिक तकनीक से सुसज्जित ICT लैब की स्थापना की जा रही है और अटल टिंकरिंग लैब्स के माध्यम से छात्रों को रोबोटिक्स और एआई की जानकारी दी जाएगी।
तकनीकी विशेषताएँ
स्कॉलर प्लैनेट ऐप में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), जनरेटिव एआई और डेटा विश्लेषण जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है, जो छात्रों की शैक्षिक यात्रा के हर पहलू में सहायता करेगा। यह ऐप राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो शैक्षिक प्रक्रियाओं में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देता है।
यह भी पढ़े: रतन टाटा जी का निधन एक युग का अन्त है: नन्दी
प्रारंभिक सफलता
लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव और रायबरेली के 91 स्कूलों के 30,499 छात्र और 655 शिक्षक इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं। इन संस्थानों को 54 ऑनबोर्डिंग सत्रों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्लेटफॉर्म का उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया गया है।
छात्रों और शिक्षकों के लिए लाभ
स्कॉलर प्लैनेट ऐप प्रत्येक छात्र की व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षण उपकरण प्रदान करता है, जिससे छात्रों की शैक्षिक भागीदारी और परिणामों में सुधार होगा। शिक्षक इस प्लेटफॉर्म का उपयोग असाइनमेंट प्रबंधन, छात्रों की प्रगति की निगरानी और बेहतर संवाद के लिए कर सकते हैं। कार्यक्रम में महानिदेशक कंचन वर्मा (आईएएस), GCAP के सीईओ गौरी कुमार (आईएएस, सेवानिवृत्त), और रविंद्र सिंह (आईएएस, सेवानिवृत्त) उपस्थित रहे।