“अक्टूबर में रिटेल महंगाई बढ़कर 6.21% पर पहुँच गई, जो 14 महीनों का सबसे ऊँचा स्तर है। सब्जियां, फल, और तेल की कीमतों में वृद्धि के चलते खाने-पीने की वस्तुएं महंगी हो गई हैं। ग्रामीण और शहरी महंगाई दोनों में बढ़ोतरी देखी गई है।”
नई दिल्ली। अक्टूबर में रिटेल महंगाई बढ़कर 6.21% पर पहुँची, जो पिछले 14 महीनों का सबसे उच्च स्तर है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण खाने-पीने की वस्तुओं, विशेष रूप से सब्जियों, फलों और खाने के तेल की कीमतों में भारी वृद्धि है। सितंबर 2023 में ये दर 5.49% थी, लेकिन सब्जियों के दामों में उछाल के कारण अक्टूबर में यह आंकड़ा और बढ़ गया। ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई 5.87% से बढ़कर 6.68% और शहरी क्षेत्रों में 5.05% से 5.62% पर पहुँच गई।
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CPI (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) से तय होती है महंगाई, जिसमें करीब 300 वस्तुओं की कीमतों का औसत होता है। कच्चे तेल और उत्पादन की लागत भी महंगाई पर बड़ा असर डालती है।
महंगाई कैसे प्रभावित करती है? महंगाई से आम आदमी की खरीद क्षमता पर असर पड़ता है। जब महंगाई बढ़ती है, तो वही सामान खरीदने के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं। अगर आपकी आमदनी वही रहती है, तो अधिक महंगे सामान खरीदने के लिए आपके पास कम पैसे बचते हैं। इसलिए महंगाई को ध्यान में रखकर ही निवेश और खर्चों की योजना बनानी चाहिए।
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल
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