“UP विधानसभा और विधान परिषद में 186 RO/ARO पदों पर भर्ती में धांधली का खुलासा। जांच में बड़े अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के रिश्तेदारों को अनुचित तरीके से नौकरी देने की बात सामने आई।”
उत्तर प्रदेश विधानसभा और विधान परिषद में 186 उच्च पदों पर हुई भर्ती में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि तीन साल पहले RO/ARO जैसे प्रतिष्ठित पदों की भर्ती में अनियमितताएं की गईं। इस दौरान बड़े अधिकारियों, मंत्रियों, सचिवों और राजनीतिक प्रभाव वाले व्यक्तियों के परिजनों को नियमों की अनदेखी कर नियुक्त किया गया।
कौन-कौन हैं घोटाले में शामिल?
38 ऊंचे पदों पर धांधली के तहत नियुक्तियां की गईं।
विधानसभा अध्यक्ष के निजी सचिव (PRO), पूर्व मंत्रियों और वर्तमान सचिवों के बेटे-बेटियां शामिल हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के पूर्व विशेष कार्याधिकारी (SDO) और अन्य राजनीतिक दलों से जुड़े प्रभावशाली व्यक्तियों के परिजनों को भी फायदा पहुंचाया गया।
कैसे हुई धांधली?
- भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और मेरिट लिस्ट की अनदेखी हुई।
- कई अभ्यर्थियों के चयन में नियमों को दरकिनार कर दबाव और सिफारिशों के जरिए नियुक्तियां की गईं।
- जांच में यह भी पता चला कि चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षिक रिकॉर्ड में गड़बड़ियां थीं।
आगे क्या?
इस खुलासे के बाद सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। जिम्मेदार अधिकारियों और गड़बड़ी में शामिल अन्य व्यक्तियों पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है।
मुख्य बिंदु
- UP सचिवालय की RO/ARO भर्ती में बड़े घोटाले का खुलासा
- 38 पदों पर नियमों की अनदेखी कर हुई धांधली
- राजनीतिक दबाव में नेताओं और सचिवों के परिजनों को नियुक्तियां दी गईं
- उच्च स्तरीय जांच के आदेश, दोषियों पर कार्रवाई तय
- भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल
देश-दुनिया से जुड़े हर बड़े घटनाक्रम की सटीक जानकारी के लिए पढ़ते रहें “विश्ववार्ता”। ताज़ा खबरें और विशेष रिपोर्ट्स सबसे पहले।
विशेष संवाददाता
मनोज शुक्ल