“केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी उपचुनाव प्रचार के दौरान ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर यू-टर्न लिया। उन्होंने कहा कि यह नारा भाजपा की एकजुटता का प्रतीक है और पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। सपा, बसपा और कांग्रेस पर तंज करते हुए मौर्य ने एकजुटता को लेकर जवाब दिया, जबकि अखिलेश यादव ने भाजपा की रणनीतियों पर सवाल उठाए।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के प्रचार का आज आखिरी दिन है। इस बीच, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा के विवादास्पद ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर 12 घंटे के भीतर यू-टर्न लिया। शनिवार को मौर्य ने इस नारे से किनारा किया था और कहा था कि भाजपा का असली नारा “एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे” है, और ऐसा कोई नारा “बंटेंगे तो कटेंगे” नहीं है।
हालांकि, रविवार को मौर्य ने अपने बयान पर पलटते हुए कहा कि “बंटेंगे तो कटेंगे” जैसे नारे उनके दिल की आवाज हैं और भाजपा में कोई मतभेद नहीं है। मौर्य ने ट्वीट करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का स्पष्ट संदेश और उनके भाषणों से उभरे नारे ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे, बंटेंगे तो कटेंगे’ हम सभी कार्यकर्ताओं की एकजुटता और संकल्प का प्रतीक हैं। भाजपा में न मतभेद था, न है, न होगा। यह नारा मुझ जैसे करोड़ों कार्यकर्ताओं के दिल की आवाज है।”
उन्होंने आगे कहा, “सपा, बसपा और कांग्रेस को हमारी एकजुटता से पेट में दर्द क्यों हो रहा है? अगर यह दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है, तो इलाज कराएं और दवा ले लें।”
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा और कहा कि “पहले डबल इंजन आपस में टकरा रहे थे, अब नारे भी टकरा रहे हैं।” यह टिप्पणी यूपी की राजनीतिक स्थिति को लेकर एक और बड़ा इशारा था कि विपक्ष भाजपा की रणनीतियों पर लगातार सवाल उठा रहा है।
केशव मौर्य ने कहा- जवाब देंगे अखिलेश एंड कंपनी को
केशव मौर्य ने सपा और अखिलेश यादव पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अखिलेश यादव एंड कंपनी द्वारा फैलाए गए फर्जी आरोपों और गालियों का जवाब उन्हें उसी तरह देना है जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने शिशुपाल को दिया था। उन्होंने 2024 में भाजपा की जीत का दावा करते हुए कहा कि भाजपा इस बार सपा को “समाप्तवादी पार्टी” बना देगी, और सपा की ज़मानत जब्त होगी।
भाजपा में एकजुटता का संदेश
मौर्य ने एक बार फिर भाजपा के भीतर किसी भी प्रकार के मतभेद से इनकार किया और कहा कि पार्टी में सभी कार्यकर्ता एकजुट हैं। उनके अनुसार, भाजपा के भीतर कोई विभाजन नहीं है और पार्टी का लक्ष्य 2024 में हर चुनावी चुनौती का सामना करना है।
यूपी उपचुनाव में भाजपा और विपक्षी दलों के बीच सख्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है, और इस प्रकार के बयानों से चुनावी माहौल और भी गर्म हो गया है।
देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए जुड़े रहें विश्ववार्ता के साथ। ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स को पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहें।
विशेष संवाददाता: मनोज शुक्ल