उत्तर प्रदेश में गंगा पर बनने वाले छह लेन पुल और फोरलेन बाईपास सड़क से मिर्जापुर से बनारस जाने का नया रास्ता खुलेगा। 1700 करोड़ की परियोजना से यात्रा समय में कमी आएगी और हादसों में नियंत्रण होगा।
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में गंगा पर बनने वाले छह लेन के पुल का निर्माण जल्द शुरू होने जा रहा है। इस पुल के निर्माण से दक्षिण भारत से पूर्वांचल, नेपाल और उत्तर-पश्चिम बिहार तक यात्रा करने वाले वाहनों के लिए एक नया रास्ता खुलेगा। यह पुल 2.6 किलोमीटर लंबा होगा और इसके साथ ही 12.4 किलोमीटर लंबी फोरलेन बाईपास सड़क भी बनेगी, जिससे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा।
कुल 1700 करोड़ रुपये की लागत से इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है, और फरवरी से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस सड़क परियोजना का उद्देश्य मिर्जापुर से होते हुए वाहनों को बनारस पहुंचने का नया और बेहतर मार्ग प्रदान करना है, जिससे यात्रा की गति में वृद्धि होगी और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी।
सड़क निर्माण का विस्तार और मुआवजा प्रक्रिया
यह सड़क परियोजना कोन ब्लाक के पुरजागीर से शुरू होकर सीटी ब्लाक के टांड़ तक जाएगी। एनएच-135 तक सड़क विस्तार होगा, जिसमें टांड़, हर्रई, चितामनपुर, भवानीपुर, विंध्याचल, मवैया, श्रीपट्टी और पुरजागीर जैसे गांव शामिल होंगे। मुआवजा राशि के तौर पर भूमि के लिए प्रति बिस्वा सर्किल रेट तय किया गया है, और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा।
गंगा पुल के लाभ
गंगा पर बनने वाले छह लेन पुल से भारी वाहन अब शास्त्री ब्रिज पर आने-जाने के बजाय इस नए पुल से गुजर सकेंगे। यह पुल मिर्जापुर और वाराणसी के बीच के यातायात को और आसान बना देगा, जिससे बिहार, नेपाल और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से जाने वाली यात्रा में समय की बचत होगी।
मुआवजा और विकास के अवसर
सरकार ने मुआवजा प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की योजना बनाई है, और प्रभावित क्षेत्रों में उद्योग और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के प्रयासों से इस परियोजना का प्रभावी कार्यान्वयन होगा, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
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